खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।
पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर हिस्से में चलाए जा रहे सैन्य अभियान के कारण उग्रवादियों के कराची में छिपे होने की आशंका है। जिसे देखते ङुए पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी के नागरिकों से हर समय राष्ट्रीय पहचान पत्र साथ रखने के लिए कहा गया है, अन्यथा उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है।
अमेरिका ने कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठन के तौर पर अलकायदा की पहचान से निराश इसका प्रमुख ओसामा बिन लादेन समूह का नाम बदलना चाहता था ताकि इसे इस्लाम के और करीबी के तौर पर देखा जाए।
हम गांव की चिंता में भटकते राहुल की चल और अचल तस्वीरें देखते हैं लेकिन अभी जानते कि गांवों को खुशहाल बनाने की उनकी नीतियां क्या हैं और वह इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाने वाले हैं। हम गरीबों से राहुल के मेलजोल की कोशिशों के बाबत पढ़ते हैं और भरोसा करने को तैयार हैं कि वह उनकी हालत बिना किसी बिचौलिए के जानने चाहते हैं जिस देश में गरीबों के लिए बनी योजनाओं का लाभ अक्सर फर्जी गरीब उठा लेते हैं वहां अब हम जानना चाहते हैं कि राहुल सही गरीबों की शिनाख्त का कौन सा बेहतर तरीका अपनाएंगे। हम जानते हैं क अपने पिता राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी भी चिंतित हैं कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में सिर्फ 15 पैसे उन तक पहुंचते हैं लेकिन हमारी अब यह जानने की भी अपेक्षा है कि विचौलियों द्वारा चट हो रहे बाकी के 85 पैसे राहुल गरीबों तक कैसे पहुंचाएंगे। हम जानते हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को राहुल गांधी अपनी यूपीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उसे पूरे देश में फैलाना चाहते हैं, शहरों मे भी, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह इस योजना में व्यापक धांधली कैसे रोकेंगे, कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सही लोगों को जॉब कार्ड मिले, काम पर आए मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिल पाए और इस योजना के जरिये गांवों में पक्के आधारभूत ढांचे भी बन पाएं।