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विंबलडन 2017: आठवीं बार चैंपियन बन रोजर फेडरर ने रचा इतिहास

विंबलडन 2017: आठवीं बार चैंपियन बन रोजर फेडरर ने रचा इतिहास

स्विट्जरलैंड के स्टार टेनिस खिलाड़ी रोजर फेडरर ने आठवीं बार विंबलडन खिताब अपने नाम कर इतिहास रच दिया है। फेडरर ने रविवार को क्रोएशिया के मारिन सिलिक को आसानी से हराते हुए साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम-विंबलडन का पुरुष एकल खिताब जीत लिया।
आईफा-2017 में कुछ इस तरह नजर आए नवाजुद्दीन सिद्दीकी

आईफा-2017 में कुछ इस तरह नजर आए नवाजुद्दीन सिद्दीकी

अपनी धाकड़ एक्टिंग और स्टाइल के लिए मशहूर बॉलीवुड स्टार नवाजुद्दीन सिद्दीकी अब आईफा-2017 में भी एक अलग अंदाज में नज़र आएं। इस दौरान जहां सभी स्टार्स एक से बढ़कर एक लुक में दिखे तो वहीं, नवाजुद्दीन लुंगी और शर्ट में नजर आए।
बीफ बैन और मॉब लिंचिंग पर शाह के बोल: ‘कांग्रेस राज में ज्यादा हुई घटनाएं’

बीफ बैन और मॉब लिंचिंग पर शाह के बोल: ‘कांग्रेस राज में ज्यादा हुई घटनाएं’

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बीफ बैन और मॉब लिंचिंग पर भाजपा सरकार का बचाव किया है। साथ ही कांग्रेस पर निशाना साधा है।
चीन की धमकी पर रक्षामंत्री का जवाब, 2017 का भारत 1962 से काफी अलग

चीन की धमकी पर रक्षामंत्री का जवाब, 2017 का भारत 1962 से काफी अलग

भारत ने चीन के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि भारतीय सैनिकों ने चीन की सीमा का उल्लंघन किया है। साथ ही चीन की धमकी के जवाब में वित्तमंत्री ने कहा कि 2017 का भारत 1962 के भारत से काफी अलग है।
पीएम मोदी की चेतावनी के बावजूद बीफ के शक में युवक को पीट-पीट कर मार डाला

पीएम मोदी की चेतावनी के बावजूद बीफ के शक में युवक को पीट-पीट कर मार डाला

पीएम मोदी जिस समय अहमदाबा में गोरक्षा के नाम पर हत्या को अस्वीकार्य बता रहे थे, करीब उसी वक्त झारखंड में हिंसक भीड़ ने कथित रूप से प्रतिबंधित मांस ले जाने के नाम पर एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला।
अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों के विरोध में शबनम हाशमी ने लौटाया अवार्ड

अल्पसंख्यक समुदाय पर हमलों के विरोध में शबनम हाशमी ने लौटाया अवार्ड

देश में हिंसक भीड़ द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पीट-पीट कर मार डालने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार अवार्ड लौटा दिया है।
भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

भीड़तंत्र: पहले कोई बचाने नहीं आया, अब कोई गवाह नहीं

देश में उन्मादी भीड़ ने हिंसा की कई काली रेखाएं खींच दी है। पहले उन्मादी भीड़ ने एक युवक को मौत के हवाले कर दिया। उस दौरान किसी के हाथ मदद के लिए आगे नहीं बढ़े। अब विडबंना है कि कोई गवाह भी सामने नहीं आ रहा है।
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