विश्व की 2000 सबसे बड़ी और शक्तिशाली सूचीबद्ध कंपनियों में से 56 भारत में हैं। यह बात फोर्ब्स की सालाना सूची में कही गई जिसमें 579 कंपनियों के साथ अमेरिका शीर्ष पर है।
ऐसा लगता है कि मोदी सरकार का पहला साल कारोबारी जगत को रास नहीं आ रहा। तभी तो शेयर बाजार लगातार बेजार होता जा रहा है और सेंसेक्स पिछले चार महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को 479 अंक की लंबी छलांग के साथ 27,490.59 अंक पर पहुंच गया। वाहन, रीयल्टी तथा रिफाइनरी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार की धारणा को बल मिला। अप्रैल में लगातार बिकवाली के बाद निवेशकों ने अब नए सौदे किए हैं। नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 150 अंक की बढ़त के साथ एक बार फिर 8,300 अंक के स्तर के पार निकल गया।
विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 तक आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और देश में मजबूत विस्तार तथा तेल की अनुकूल कीमतों के चलते दक्षिण एशिया की वृद्धि दर बढ़ेगी।