गलत नक्शा दिखाने वाले हो जाएं सावधान, अगर आप देश का गलत नक्शा दिखाएंगे तो आपको सात साल तक की जेल हो सकती है। 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।
देश में करीब दो करोड़ लोग सिजोफ्रेनिया और बायपोलर डिसऑर्डर जैसी मानसिक बीमारियों से पीडि़त हैं और अवसाद, बेचैनी जैसी सामान्य मानसिक बीमारियों को भी मिला लिया जाए तो देश की करीब 6.5 फीसदी आबादी मानसिक रोगों की गिरफ्त में है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 3600 करोड़ रूपए के वीवीआईपी हेलीकाॅप्टर सौदे मामले में भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी से आज पूछताछ की। कुछ ही दिन पहले सीबीआई ने त्यागी से पूछताछ की थी।
भारतीय जनता पार्टी ने कोयला खान आवंटन में गड़बड़ी पर बड़ा राजनीतिक जाल बिछाया और यह विवाद भी कांग्रेस पतन का कारण बना। भाजपा सत्ता में आ गई, लेकिन पिछले तीन वर्षों में कोयला कंपनियां कानूनी मामलों में फंस गईं और भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) से बिजली संयंत्र खरीदने के उनके सौदे अधर में लटक गए।
नमामि गंगे कार्यक्रम को महत्वपूर्ण गति प्रदान करते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण की अधिकार प्राप्त संचालन समिति ने उत्तराखंड में हरिद्वार से उत्तराखंड की सीमा तक, उत्तर प्रदेश में गढ़मुक्तेश्वर, बिहार में बक्सर, हाजीपुर और सोनपुर, झारखंड में साहेबगंज, राजमहल और कन्हैया घाट में गंगा के तट पर तथा दिल्ली में यमुना पर घाटों और श्मशान स्थलों के विकास की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर 2446 करोड़ रूपये खर्च होंगे। इन स्थानों पर घाटों और श्मशान स्थलों के विकास से गंगा और यमुना में प्रदूषण में कमी आयेगी। इन सभी परियोजनाओं को केंद्र सरकार की नमामि गंगे योजना के तहत कार्यान्वित किया जाएगा और इनका पूरा खर्चा केंद्र सरकार उठायेगी।
दिल्ली सचमुच निराली है। दुनिया के किसी देश की राजधानी में नेता, अधिकारी, पुलिस, टैक्सी-ऑटो-बस चालक और ढाबा चलाने वाले ऐसी दादागिरी नहीं करते। यहां मुख्यमंत्री केजरीवाल स्वयं मनमाने ढंग से आदेश जारी करते हैं और डेढ़ करोड़ जनता की इच्छा बता देते हैं। सीधे प्रधानमंत्री को चुनौती देते रहते हैं और प्रचार पर पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर देते हैं।
एक तरफ महाराष्ट्र लगातार सूखे से जूझ रहा है, दूसरी तरफ ग्रीनपीस की एक रिपोर्ट ‘द ग्रेट वाटर ग्रैब-हाउ द कोल इंडस्ट्री इज डिपनिंग द ग्लोबल वाटर क्राइसिस’ में यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि अकेले महाराष्ट्र में कोयला पावर प्लांट्स इतनी अधिक मात्रा में पानी का खपत करता है जो हर साल लगभग सवा करोड़ लोगों के लिये पर्याप्त है।
सीबीआई जांच का सामना कर रहे पर्ल समूह के पास मोहाली में दो पूर्ण सेक्टरों 100 और 104 का स्वामित्व है। इसके अलावा समूह के पास सेक्टर 96 और सेक्टर 99 में भी आधा हिस्सा है। सीबीआई द्वारा समूह की परिसंपत्तियों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है। समूह पर करीब पांच करोड़ निवेशकों को 51,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।