लोक लेखा समिति (पीएसी) ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल से पूछा है कि शक्तियों का गलत उपयोग करने के लिए क्यों न आप पर मुकदमा चलाया जाए और आपको पद से हटा दिया जाए। नोटबंदी पर जवाब देने के लिए 20 जनवरी को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल समेत अन्य अफसरों को तलब किया गया है। समिति ने पटेल को 10 सवालों की एक प्रश्नावली भेजी थी।
भाजपा भले ही नोटबंदी को एक ‘पवित्र आंदोलन’ करार दे रही हो लेकिन कांग्रेस की नजर में यह देश की जनता और अर्थव्यवस्था को बेहद मुश्किल दौर में डालने वाला कदम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस बारे में पत्र लिख कर न सिर्फ सरकार से कई सवाल पूछे हैं बल्कि रिजर्व बैंक के स्तर पर जानकारी छिपाने को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई है।
प्रसिद्ध विकास अर्थशास्त्री ज्यां ड्रेज ने कहा है कि नोटबंदी का वंचित तबके विशेषरूप से दिहाड़ी मजदूरों पर काफी गंभीर असर होगा। यह प्रभाव कहीं अधिक बुरा तथा अनुमान से अधिक समय तक बना रहेगा।
नोटबंदी के बाद बैंकों की ब्याज दरों में कटौती के बावजूद उधारी कारोबार में ऐतिहासिक गिरावट आई है। 23 दिसंबर को बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है। एसबीआई के चीफ इकॉनमिस्ट सौम्य कांति घोष के मुताबिक क्रेडिट ग्रोथ का यह 60 साल का निचला स्तर है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि नोटबंदी को आम जनता का व्यापक समर्थन मिला हैै। विपक्ष नकारात्मक राजनीति करते हुए विकास का रास्ता रोक रहा है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय पदाधिकारियों से शाह ने कहा कि विपक्ष विकास के क्रम में रुकावट पैदा कर रहा है।
नोटबंदी को लेकर राजग सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए गठबंधन की प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने शुक्रवार को मौजूदा सरकार को दस हजार सालों की सबसे बुरी सरकार बताया और कहा कि भाजपा नेताओं को यह भ्रम है कि इस कवायद से सारा कालाधन रद्दी बन गया है।
पूर्ववर्ती योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था की अंतनिर्हित मजबूती को गड़बड़ा दिया है और इससे वृद्धि दर दो प्रतिशत तक घटकर पांच प्रतिशत रह सकती है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ के अनुमान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी पर थी। गौर हो कि पिछली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने भी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को 0.5 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था। 7.1 फीसदी विकास दर का अनुमान पिछले 3 साल का निचला स्तर है।
अपने कुछ पुराने नोट बदलवाने में सफल नहीं होने पर एक गरीब और हताश महिला ने बुधवार को दिल्ली में आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय के सामने अपने कपड़े उतार कर विरोध जताया।