मध्य प्रदेश के खंडवा में एक बंगाली परिवार में जन्म लेकर सपनों के शहर मुम्बई तक 'आभास कुमार गांगुली से 'किशोर कुमार' बनने तक का सफर तय करने वाले सदाबहार किशोर कुमार का आज 88वां जन्मदिन है।
चाइना प्रोडक्ट डाउन-डाउन के कितने भी नारे लगा लो, लेकिन यह सच है कि हिंदी फिल्मों के लिए चीन नया बाजार बन कर उभरा है। दंगल की सफलता ने इसे साबित भी कर दिया है।
इंफोसिस कंपनी के संस्थापकों में से एक एन.आर. नारायण मूर्ति ने मंगलवार को एक बड़ा बयान दिया है। नारायण मूर्ति ने कहा कि उन्हें 2014 में कंपनी के चेयरमैन का पद छोड़ने का अफसोस है।
19 बरस की उम्र, पराया देश, अंजान शहर, पहली फिल्म मिली पर चली नही, हिंदी भी आती नहीं, पर फिर भी सफलता के सपने देखना छोड़ा नही और आज बॉलीवुड की चंद हाईएस्ट पेड एक्ट्रेसस में से एक है।
11 फिल्मफेयर अवार्ड और छः नेशनल फ़िल्म अवार्ड, सिनेमा ऐसा कि उसकी नकल इटैलियन सिनेमा और हॉलीवुड तक ने की। जमींदारों के परिवार मे जन्म लिया पर फिल्में बनाईं गरीबी और औरतों के शोषण पर, कलकत्ता से मुम्बई तक की यात्रा और 50 के दशक में कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मान।