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गोमांस विवाद  पर अब नजमा बोलीं

गोमांस विवाद पर अब नजमा बोलीं

गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर छिड़े विवाद पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री नजमा हेपतुल्ला ने सोमवार को कहा कि गाय को लेकर विशेष भावना रखने वाले बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए उसने सिर्फ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण किया।
कैबिनेट के निर्णय: फिर जारी होगा भूमि अध्यादेश

कैबिनेट के निर्णय: फिर जारी होगा भूमि अध्यादेश

भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें ‌कि भूमि विधेयक उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न नहीं है मगर केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को फैसला लिया कि भूमि अध्यादेश फिर से जारी होगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को यह अध्यादेश फिर भेजा जाएगा।
बोफोर्स की तारीफों के दिन

बोफोर्स की तारीफों के दिन

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने मंगलवार को कहा कि बोफोर्स की तोपें अच्छी हैं। लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के उस बयान पर टिप्पणी करने से इन्‍कार कर दिया जिसमें बोफोर्स कांड को मीडिया ट्रायल कहा गया है। एक स्‍वीडिश अखबार को दिए इंटरव्‍यू में प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि बोफोर्स सौदे को घोटाला कहना उचित नहीं है। वह एक मीडिया ट्रायल था।
जीशान को रेडियो जॉकी बनने का प्रस्ताव

जीशान को रेडियो जॉकी बनने का प्रस्ताव

मुंबई में एक मुसलमान एमबीए युवक जीशान खान को हीरे का निर्यात करने वाली कंपनी हरि कृष्णा एक्सपोर्ट्स द्वारा मुस्लिम होने की वजह से नौकरी न दिए जाने पर मचे हंगामे के बीच एक दिलचस्प खबर यह है कि जीशान को एक रेडियो स्टेशन ने रेडियो प्रस्तोता या कहें रेडियो जॉकी की नौकरी का प्रस्ताव दिया है।
व्हॉट्सएप पर पैगम्बर साहब पर टिप्पणी को लेकर तनाव

व्हॉट्सएप पर पैगम्बर साहब पर टिप्पणी को लेकर तनाव

सोशल नेटवर्किंग एप्लीकेशन व्हॉट्सएप के जरिये पैगम्बर साहब के प्रति कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री वाला संदेश प्रसारित किए जाने से उत्तर प्रदेश के बरेली में तनाव फैल गया है। मामले की छानबीन के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एक निजी स्कूल के उप प्रधानाचार्य पद पर कार्यरत था।
निर्यात हिंदुत्व और जाति का

निर्यात हिंदुत्व और जाति का

जातिगत उत्पीडऩ और भेदभाव के खिलाफ मुखर होता दलित डायस्पोरा इससे चिंतित।भारतीय डायस्पोरा का यह दलित स्वर या दलित डायस्पोरा दुनिया के तमाम बड़े देशों में धीरे-धीरे मजबूत होता दिख रहा है। गैर दलित डायस्पोरा ने तो बड़ी तादाद में (सबने नहीं) अपनी राजनीति स्पष्ट कर दी है, अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है, दलित डायस्पोरा अभी उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा। भारत की नई सरकार से उसे भी अपेक्षाएं हैं। वह भी बेहतर सुविधाओं और व्यापार की संभावनाओं के प्रति आशावान है लेकिन जाति तथा जातिगत उत्पीडऩ के सवाल पर फिलहाल कोई समझौता करता नहीं दिखता।
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