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पश्चिम बंगाल: नकद के लिए एटीएम की कतार में खड़े सरकारी कर्मी की मौत

पश्चिम बंगाल: नकद के लिए एटीएम की कतार में खड़े सरकारी कर्मी की मौत

नोटबंदी के दौरान नकद के लिए मची अफरा-तफरी में आज एक और व्यक्ति की जान चली गई। ताजा हादसा पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का है, जहांबंदेल स्टेशन के पास एक एटीएम काउंटर के सामने कतार में खड़े होने के दौरान राज्य सरकार के कर्मचारी कल्लोल रॉय चौधरी ने दम तोड़ दिया।
आमिर बोले, रेप पीड़िता संबंधी सलमान की टिप्‍पणी संवेदनहीन और दुर्भाग्‍यपूर्ण

आमिर बोले, रेप पीड़िता संबंधी सलमान की टिप्‍पणी संवेदनहीन और दुर्भाग्‍यपूर्ण

बाॅलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के अनुसार सलमान खान ने पिछले दिनों बलात्कार को लेकर जो टिप्पणी की थी वह वाकई संवेदनहीन और दुर्भाग्‍यपूर्ण है। आमिर ने अपनी फिल्म दंगल का पोस्टर जारी होने के मौके पर कहा, मैं वहां मौजूद नहीं था लेकिन मीडिया की खबरोंं को देखते हुए लगता है कि उन्होंने जो कुछ कहा, वह संवेदनहीन और दुर्भाग्‍यपूर्ण था। मुझे एेसा लगता है।
झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ की तरह बारूद के ढेर पर बैठा नीम का थाना

झाबुआ के पेटलवाद में डिटोनेटर का अवैध कारोबार सौ के करीब जिंदगियां लील गया। सिलसिला थमा नहीं है। झाबुआ कांड से भी अगर सरकार नहीं जागती है तो राजस्थान के अरावली क्षेत्र में झाबुआ कांड होते देर नहीं लगेगी। एक तरह से बारूद के ढेर पर बैठा है यह इलाका। खनन का विरोध करने वाले गांववासी हजारों दफा शिकायत कर चुके हैं। डिटोनेटर के कई ट्रक पकड़वा चुके हैं। यहां तक कि इस इलाके में जाने पर डिटोनेटर की पेटियां खुले में यहां-वहां पड़ी मिल जाती हैं लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन बिल्कुल मूक हैं। गांववासियों की कोई सुनवाई नहीं।
ब्रजेश मिश्रा थे आडवाणी-वाजपेयी में मतभेद की वजह

ब्रजेश मिश्रा थे आडवाणी-वाजपेयी में मतभेद की वजह

भारत की विदेश गुप्तचर संस्‍था रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख ए.एस. दुलत की आने वाली किताब ‘कश्मीरः द वाजपेयी ईयर्स’ के अंश और खुद दुलत के मीडिया में चल रहे इंटरव्यू ने एक बार फिर कांग्रेस को भाजपा पर हमलावर होने का मौका दे दिया है।
भुल्लर को अमृतसर भेजना राजनीतिक कदम

भुल्लर को अमृतसर भेजना राजनीतिक कदम

दिल्ली में 1993 के बम विस्फोट मामले में दोषी करार दिए गए प्रो. देवेन्दर पाल सिंह भुल्लर को कड़ी पुलिस सुरक्षा में दिल्ली की तिहाड़ जेल से अमृतसर के केंद्रीय कारागार ले जाया गया। एंबुलेंस में लाए गए भुल्लर को दिल्ली पुलिस की सशस्त्र टीम की सुरक्षा में लाया गया। इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। वर्ष 2017 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसे एक राजनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है

मिसरा बेशक यह साहिर लुधियानवी के गीत का है लेकिन अफसानानिगार सआदत हसन मंटो पर सटीक बैठता है। ताउम्र ढोंग, तमाशे और साहित्य की राजनीति से दूर रहने वाले मंटो ने कहा था- ‘ हर शहर में बदरौएं और मोरियां मौजूद हैं जो शहर की गंदगी को बाहर ले जाती हैं। हम अगर अपने मरमरी गुसलखानों की बात कर सकते हैं, अगर हम साबुन और लैवेंडर का जिक्रकर सकते हैं तो उन मोरियों और बदरौओं का जिक्र क्यों नहीं कर सकते जो हमारे बदन की मैल पीती हैं।‘ मंटो की 100वीं जन्मशताब्दी से लेकर आज तक उनके नाम पर उनके तथाकथित मुरीदों ने राजनीति, तमाशा और ढोंग ही किया है। मंटो के इन मुरीदों को वह सब चाहिए जो मंटो को नहीं चाहिए था। मंटो के माएने तो यह दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है।
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