भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने से दो और तीन दिसंबर 1984 के बीच की रात को जहरीली गैस रिसने से करीब 15,000 लोगों की मौत हो गयी थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे।
दिग्गज अभिनेता ओम पुरी के निधन पर अमिताभ बच्चन, शबाना आजमी जैसे उनके साथी कलाकारों से लेकर शाहरूख खान, अक्षय कुमार जैसे बाॅॅलीवुड के उनके युवा सह-कलाकारों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
बाॅलीवुड में अपनी नायाब अदाकारी के लिए पहचाने जाने वाल दिग्गज अभिनेता ओमपुरी का शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से मुंबई स्थित अपने घर पर निधन हो गया। वह 66 वर्ष के थे।
बॉलीवुड फिल्मों के चरित्र अभिनेता ओम पुरी ने शहीद सैनिक पर दिए गए अपने बयान पर माफी मांग ली है। ओम पुरी ने शहीद सैनिक के परिवार, सेना और देश से माफी मांगते हुए कहा है कि वह सजा के हकदार हैं। साथ ही, ओम पुरी ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि सेना उनका कोर्ट मार्शल करे। उन्हें जो भी सजा दी जाएगी वह उसे झेलने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तानी कलाकारों का समर्थन कर निशाने पर आये अभिनेता सलमान खान को भाजपा के तेज तर्रार नेता योगी आदित्यनाथ का समर्थन मिला है। योगी ने कहा कि लडाई आतंकवाद के खिलाफ है, कला संस्कृति के खिलाफ नहीं। इधर आतंकवाद के नाम पर मुंबई से पाक कलाकारों को पाकिस्तान भेजने के मसले पर कलाकार ओमपुरी ने विरोध व्यक्त किया है।
बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेताओं मेंं शुमार ओम पुरी ने पीएम नरेंद्र मोदी का जमकर गुणगान करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर हमला बोला है। सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री बनाने के बारे में सोच रही हैं। जबकि राहुल प्रधानमंत्री के पद के लायक नहीं हैंं। हम मूर्ख हैं क्या? कांग्रेस में प्रणब मुखर्जी इतने अनुभवी और बड़े नेता हैं। वे इतने वक्त तक कांग्रेस में रहे हैं। आपका बेटा प्रधानमंत्री बन सके, इसलिए आपने उन्हें प्रेसिडेंट बनवा दिया।'
युवा व्यंग्यकार और पत्रकार अनुज खरे ने आज के समय पर करारी चोट करते हुए एक नाटक लिखा, नौटंकी राजा। नाटक राजनीतिक, सामाजिक और लोकतांत्रिक मूल्यों में हो रहे पतन पर बहुत गहरे तरीके से अपनी बात रखता है। इस नाटक की सबसे बड़ी खासियत रही हंसी-हंसी में बड़ी बात को आसानी से कह देना। पिछले दिनों, पंचानन पाठक नाट्य समारोह के तहत एलटीजी ऑडिटोरियम में इस व्यंग्य नाटक का मंचन हुआ।
मीरांबाई की संघर्ष-यात्रा को केंद्र में रखकर लिखा गया उपन्यास ‘रंग राची’ आखिरकार पाठकों तक पहुंच ही गया। दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में नामवर सिंह ने अध्यक्षीय आशीर्वचन दिया। उन्होंने कहा, ‘हिंदी में बहुत कवयित्रियां हुई लेकिन जो स्थान मीरां ने बनाया वह सब के लिए आदर्श है। मीरा को करूणा, दया के पात्र के रूप में देखने की जरूरत नहीं है, मीरां स्त्रियों के स्वाभिमान की प्रतीक हैं।’ इस उपन्यास को सुधाकर अदीब ने लिखा है और यह राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।