कथावाचक आसाराम द्वारा एक लड़की से कथित दुराचार प्रकरण के अहम गवाह कृपाल सिंह की बीते दिनों शाहजहांपुर में हुई हत्या के बाद पुलिस प्रशासन ने मामले के एक अन्य साक्षी को सुरक्षा उपलब्ध कराई है।
सुंदरता और सेहत एक सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसा कहना है सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का। वह बताती हैं कि अच्छी सेहत चेहरे पर रंगत लाती है और अच्छी सेहत की पूंजी है योग।
एक किशोरी के साथ कथावाचक आसाराम द्वारा कथित दुष्कर्म प्रकरण के गवाह कृपाल सिंह की शाहजहांपुर में बदमाशों की गोली लगने के बाद शनिवार देर रात मौत हो गई। इस मामले में गवाहों पर यह नौवां हमला और दूसरी मौत है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो प्राकृतिक माहौल में सैर करने से अवसाद से दूर रहा जा सकता है। जो लोग अवसाद में रहते हैं और शहरी इलाकों या बहुत भीड़ वाली जगह पर रहते हैं या ऐसी ही जगहों पर सैर करते हैं उन्हें सलाह है कि प्रकृति के थोड़ा करीब जाएं।
नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में जेल में बंद आसाराम की जमानत याचिका अदालत ने शनिवार को फिर खारिज कर दी। छठी बार आसाराम की जमानत याचिका ठुकराई गई है। जोधपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने 73 वर्षीय आसाराम की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस तरह के अपराध में आरोपी जमानत का हकदार नहीं है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिले गाजीपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का इतना बुरा हाल है कि यहां के अस्पतालों को ही इलाज की जरुरत महसूस होने लगी है। डाॅक्टर और दवा दोनों ही जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की समस्या है।
दिल्ली में बलात्कार पीड़िता की ‘टू फिंगर जांच’ की अनुमति देने के एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं।
दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी नौनिहालों के लिए जानलेवा हो सकती है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार उत्तर प्रदेश के खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने हाल ही बाराबंकी के एक मल्टी स्टोर से लिए गए मैगी के नमूनों की जांच कोलकाता की रेफरल लैब से कराई। जांच में नमूना फेल हो गया और इसमें मोनोसोडियम ग्लूटामेट नाम का एमिनो एसिड खतरनाक स्तर तक पाया गया। इसके बाद हरकत में आए एफएसडीए ने पूरे प्रदेश में इस बैच की मैगी की बिक्री पर रोक लगा दी। सोमवार से इसपर और असरदार तरीके से पाबंदी लगाई जाएगी।
भूकंप से तबाह हुए नेपाल में शवों को मलबे से निकालना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। कई देशों से भेजी जा रही मदद के बावजूद दूरदराज के इलाकों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। इस बीच, सड़ती लाशों की वजह से बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।