गाय माता ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनके दिन कभी बहुरेंगे। बहुरेंगे भी तो ऐसे कि जीते जी उन्हें कुछ भी हो जाए पर मर जाने के बाद उनके चमड़े और मांस पर सियासत होगी। गोमांस फिलफक्त का सबसे बड़ा मुद्दा है।
2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मुजफ्फरनगर बाकी है काफी चर्चा में रही है। यह फिल्म दंगे के दौरान के हालात और वहां के स्थानीय लोगों की भावनाओं का बखूबी इजहार करती है। फिल्म के जरिये उन तत्वों की तरफ इशारा किया गया है जो मुजफ्फरनगर के हालात के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस फिल्म का प्रदर्शन कई संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। कई बार फिल्म के प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई। ऐसे ही दमनकारी आक्रमणों के प्रतिरोध में फिल्म की टीम और अन्य कई संगठनों ने मिलकर एक ही दिन पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन किया।
कान फिल्मोत्सव में हुए प्रीमियर के बाद से खूब वाहवाही बटोरने वाले वृत्तचित्र एमी को रिलीज के शुरूआती सप्ताहांत में ब्रिटेन में भी जबरदस्त सफलता मिली है।