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''इधर देवी पूजा, उधर छात्राओं पर लाठियों की बरसात, नवरात्रों को भी उपलब्ध हो गया न्यू इंडिया''

''इधर देवी पूजा, उधर छात्राओं पर लाठियों की बरसात, नवरात्रों को भी उपलब्ध हो गया न्यू इंडिया''

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमंते तत्र देवता। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। आपने ये दो सुंदर बातें पढ़ ली हों तो...
नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ होंगे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री: पाक मीडिया

नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ होंगे पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री: पाक मीडिया

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पनामा केस में नवाज शरीफ को दोषी करार दिया। फैसले के बाद नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
भ्रष्टाचारियों पर तीखा हमला, देश का 37 हजार करोड़ बचाने का दावा

भ्रष्टाचारियों पर तीखा हमला, देश का 37 हजार करोड़ बचाने का दावा

मोदी सरकार की दूसरी सालगिरह पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से मेगा शो 'एक नई सुबह' का आयोजन किया गया है। इंडिया गेट पर आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधि‍त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक शब्दों में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि दो साल के कार्यकाल में उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं लगे हैं।
जिस्म बाजार की तंग गलियों में तंग जिस्मोरूह

जिस्म बाजार की तंग गलियों में तंग जिस्मोरूह

मदार गेट पर खाकी वर्दीधारी ने रिक्शेवाले से तंज आवाज में कहा ’ऐ, सुनो इन्हें रंडी बाजार की गली में छोड़ दो।’ तहजीब के शहर अलीगढ़ में मेरे कानों में पड़े ये पहले अल्फाज थे। दो हिस्सों में बंटे अलीगढ़ शहर का ‘मदार गेट’ पुराने शहर का हिस्सा है। तंग गलियां, रोजमर्रा के सामान की दुकानें, दुकानों के ऊपर घरों से झांकते झरोखे और पुरानी पड़ चुकी बिजली की तारों का जाल। काफी कुछ पुरानी दिल्ली जैसा। कुछ कोस की दूरी के बाद रिक्शावाले ने मुझे मदार गेट की उस गली में छोड़ दिया। खाकी वर्दीधारी मोटरसाइकिल पर मेरे पीछे आए। गली में मूढ़े पर एक खूबसूरत महिला चटख पीले रंग के कपड़ों में बैठी है। वर्दीधारी ने उस से कहा ‘यह मैडम दिल्ली से आई हैं, तुम लोगों से बात करेंगी।‘ इतना बोलकर वहां से चले गए। उस महिला ने मुझे बैठने के लिए मूढ़ा दिया। काफी देर तक हम यहां-वहां की बातें करते रहे।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
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