तिब्बती धर्म गुरू दलाई लामा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बहुत सालों से अपना अच्छा और नजदीकी मित्र बताते हुए उनके शराबबंदी के निर्णय की प्रशंसा की।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि मोदी के नोटबंदी के फैसले का हाल वही होगा जो कांग्रेस के नसबंदी के फैसले का हुआ था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमीन खरीदने के मामलेे में भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। नीतीश ने कहा कि जमीन खरीद का मामला हमने जोर शोर से उठाया है। जब राज्य सरकार के पास यह मामला आयेगा तो संबंधित विभाग अपना काम करेंंगे।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नेे कहा है कि नोटबंदी के बाद अब देश में नसबंदी के लिए सख्त कानून बनने की अत्यंत जरूरत है। गिरिराज सिंह बिहार भाजपा के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने नोटबंदी के बाद नसबंदी की जोरदार ढंग से वकालत की है।गिरिराज बिहार के नवादा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी की नोटबंदी अब धीरे धीरे अपना असर दिखाने लगी है। कामगार वर्ग इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। किसानों और सब्जी उत्पादकों को औने पौने दाम में अपने उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं। मजदूरों की रोजी पर भी संकट आन पड़ा है। नोटबंदी से मंडियों में सब्जियों के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं।
बिहार की राजनीति में नए समीकरण आने वाले दिनाें में देखे जा सकते हैं। नोटबंदी पर पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले का समर्थन करने के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाजपा के एक बड़े नेता से मुलाकात की खबर सामने आ रही है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले की खुलकर आलोचना की है वहीं नीतीश कुमार ने इसकी प्रशंसा की।
बिहार की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरा होने के एक दिन पूर्व भाजपा नीत राजग ने नीतीश सरकार की विफलताओं को लेकर एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया और आरोप लगाया कि यह सरकार हर मोर्चे, विशेष रूप से कानून-व्यवस्था के मामले में विफल रही है।
आंतरिक राजनीति की वजह से भाजपा से निलंबित चल रहे दरभंगा से पार्टी सांसद कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर एक और निशाना साधा है। नोटबंदी के बाद देश में आर्थिक आपातकाल जैसे हालत के बीच उन्होंने कहा कि जिसकी वॉर्ड चुनाव जीतने की हैसियत नहीं है, वह देश का वित्त मंत्री बन गया है। कीर्ति आजाद ने ट्विटर पर यह बात एक ट्वीट का जवाब देते हुए कही।
बिहार की पराजय से सीख लेते हुए भाजपा ने यूपी के चुनावी दंगल में नई रणनीति के साथ उतरने की तैयारी कर ली है। भाजपा ने अभी तक अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। वह ऐसा करने की बजाय परिवर्तन यात्राओं पर जोर दे रही है। इसके जरिए न सिर्फ यूपी में अखिलेश सरकार के खिलाफ वह माहौल बनाएगी बल्कि इन यात्राओं में चार नेताओं को चेहरा बनाकर वोट जुटाने के लिए जनता के बीच अपना संदेश भी देने जा रही है।