सालों से फरार चल रहे उल्फा के शीर्ष नेता अनूप चेतिया को बांग्लादेश ने भारत को सौंप दिया है। कई गंभीर अपराधों में वांछित चेतिया पिछले दो दशक से भी अधिक समय से फरार था।
खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
कोलकाता से जब भारतीय सीमा के आखरी गांव बॉनगांव में रात रूकी तो कई बार एक ही सवाल पूछा गया, ‘बांग्लादेश क्यों जा रही हैं? वहां तो कुछ नहीं है।’ जवाब में ‘घूमने’ कहने पर लोगों की प्रतिक्रिया ऐसी होती थी जैसे कहना चाह रहे हों, ‘बेवकूफ।’
भारत का पड़ेसी, बांग्लादेश अब अशांत होने लगा है। धीरे-धीरे इस्लामिक कट्टरपंथ यहां पैर फैला रहा है। हिंदुओं के लिए यहां समस्या तो पहले से थी, लेकिन अब मसला सांप्रदायिकता से निकल कर धार्मिक कट्टरवाद की ओर बढ़ रहा है। यह उन्माद हिंदुओं के घुटन का कारण भी बन रहा है। इस देश के हालातों पर जायजे की पहली कड़ी।
पाकिस्तान के सीनेट अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि सेना ने अगर फिर से तख्ता पलट करने की कोशिश की तो उसे संवैधानिक तरीके से रोका जाएगा। पाकिस्तान में सेना द्वारा तख्ता पलट किए जाने की कई घटनाएं हो चुकी हैं और आजादी के बाद से अब तक 68 साल में से लगभग आधे समय देश में सैन्य शासन रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शृंखला से पहले शिखर धवन और सुरेश रैना को अपनी फिटनेस और फार्म को आजमाने का मौका मिलेगा जब वे बांग्लादेश ए के खिलाफ आगामी घरेलू शृंखला में भारत ए के लिए खेलेंगे।
चार दशक से अधिक समय तक इंतजार के बाद भारत और बांग्लादेश अपने ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते का क्रियान्वयन होने के साथ कल से 162 एन्क्लेवों का आदान-प्रदान शुरू करेंगे।
बांग्लादेश से लगातार दूसरा एकदिवसीय मैच और पहली बार शृंखला हारने के बाद भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में साफ संकेत दिए कि वह एकदिवसीय टीम की कप्तानी भी छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की हार के लिए यदि वह जिम्मेदार हैं तो वह भविष्य में कप्तानी किए बगैर टीम के लिए खेल सकते हैं।
बांग्लादेश के साथ हुए ऐतिहासिक जमीन सीमा समझौते से 41 साल पुराना विवाद हल होने की उम्मीद है। इससे बांग्लादेश को करीब 10 हजार एकड़ जमीन का फायदा होगा जबकि भारत को सिर्फ 500 एकड़ अतिरिक्त जमीन मिलेगी।