सिर पर मैला ढोने वालों को इस दलदल से बाहर निकालने के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और मैगसायसाय पुरस्कार विजेता बेजवाडा विल्सन ने रविवार को कहा कि इस जाति आधारित समस्या को दूर करने में सरकार के स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति की बहुत कमी है तथा उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी को 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से इस काम में लगे लोगों को इससे छुुटकारा दिलाने और उनका पुनर्वास करने की समयसीमा की घोषणा करना चाहिए।
तीन दशकों से मैला प्रथा के खिलाफ अभियान चला रहे बेजवाड़ा विल्सन और संगीत की दुनिया में जाति और वर्ग भेद को तोड़ने वाले टी.एम कृष्णा सहित दुनिया भर से छह लोगों को चुना गया है एशिया के नोबल कहे जाने वाले इस पुरस्कार के लिए
भाजपा सफाई कर्मचारियों के लिए फिर दांव चलने की तैयारी में। जबकि सैंकड़ों सफाई कर्मचारी सीवर-सेप्टिक टैंक में मर रहे हैं और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर पूरी तरह खामोश हैं।