भारतीय कप्तान विराट कोहली ने तीसरे और अंतिम क्रिकेट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ पांच रन की शिकस्त के बावजूद मैच में शानदार प्रदर्शन करने के लिए केदार जाधव और हार्दिक पंड्या की जमकर तारीफ की।
कैंसर से संघर्ष के बाद युवराज सिंह ने एक समय क्रिकेट को अलविदा कहने के बारे में सोचा था लेकिन कप्तान विराट कोहली के विश्वास ने उसे ऐसा करने से रोका और उस विश्वास पर खरा उतरना इस धाकड़ बल्लेबाज के लिये लाजमी था।
लगभग तीन साल बाद वनडे टीम में वापसी करने वाले बायें हाथ के बल्लेबाज युवराज ने कटक में अपने करियर का 14वां और इंग्लैंड के खिलाफ चौथा शतक लगाया। युवराज ने इससे पहले अपना आखिरी शतक विश्व कप 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था।
सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल ने आज कहा कि भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अपनी उर्जा, जुनून और उदाहरण पेश करने के अपने जज्बे से महान कप्तान होने के संकेत पहले ही दे दिये हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिये पिछले दस सालों में अगर कोई मैदान सबसे भाग्यशाली रहा है तो वह कटक का बाराबती स्टेडियम है जहां विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 19 जनवरी को दूसरा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना है।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पहले एकदिवसीय मैच में इंग्लैंड के विशाल लक्ष्य को हासिल कर दर्ज की गयी जीत को विशेष करार देते हुए केदार जाधव की बेजोड़ शतकीय पारी के लिये जमकर तारीफ की। भारत के सामने 351 रन का लक्ष्य था लेकिन कोहली के 122 और जाधव की 120 रन की पारी तथा अंतिम क्षणों में हार्दिक पंड्या के 40 रन की मदद से वह यह मैच तीन विकेट से जीतने में सफल रहा।
महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के सीमित ओवरों का कप्तान पद छोड़ने के अपने अचानक लिये गये फैसले के संदर्भ में आज कहा कि भारत में अलग प्रारूप के लिये अलग कप्तान की व्यवस्था नहीं चलती। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम अब तक की सबसे सफल टीम बनकर इतिहास रचेगी।
भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में सफर खत्म होने के बाद महेंद्र सिंह धोनी के नाम के आगे कल यहां अंतिम बार कप्तान लिखा होगा जब वह इंग्लैंड के खिलाफ पहले अभ्यास मैच में भारत ए की अगुआई करेंगे।
मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें केंद्र सरकार को दिवंगत अन्नाद्रमुक नेता जे जयललिता को भारत रत्न देने का निर्देश देने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि वह एेसे मामलों में दखल देना नहीं चाहती है।
महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी के अपने कार्यकाल के दौरान अपनी आत्मा की आवाज पर सही समय पर सही निर्णय करने की क्षमता का अद्भुत उदाहरण पेश किया और एक बार फिर से उन्होंने अपने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान पद से हटने का फैसला करके अपने इस कौशल को दिखाकर हर किसी को स्टंप आउट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।