अगर आप कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो इससे अच्छा मौका और कहां मिलेगा। कार निर्माता अपनी बजट और लोकप्रिय गाड़ियों पर 25 हजार से 90 हजार तक की छूट दे रहे हैं।
लगता है वीपीआई कल्चर को लेकर मंत्रियों का मोहभंग होता दिखाई नहीं देता। अभी भी इसका खुमार कई नेताओं पर चढ़ा देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार के मंत्री के बेटे की शादी में सरकारी डाक्टरों की ड्यूटी लगवाने का मामला नेताओं की इस खुमारी को बयां करता है। दिलचस्प है कि सीएमओ ने डाक्टरों की ड्यूटी के लिए चिट्ठी तक लिख दी।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय तुअर दाल पर आयात शुल्क की दर 10 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किए जाने के पक्ष में है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि हम यह कदम किसानों के हक में उठाना चाहते हैं।
सरकार ने मंगलवार को गेहूं और तुअर (अरहर) दाल पर तत्काल प्रभाव से 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया है ताकि इस वर्ष रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना के मद्देनजर किसानों के हितों को सुरक्षित रखा जा सके।
इस साल गेहूं की बंपर पैदावार होने के अनुमान को ध्यान में रखते हुये सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के वास्ते गेहूं पर आयात शुल्क लगाने पर विचार कर रही है। कृषि सचिव शोभना के. पटनायक ने आज यह जानकारी दी।
संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में विभिन्न मसलों पर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस जारी है। संसद के इस सत्र के काफी हंगामेदार होने की उम्मीद है। विपक्ष जहां नोटबंदी से लेकर बजट के अन्य प्रस्तावों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं वहीं सरकार कई विधेयकों को लेकर आगे बढ़ने की रणनीति पर काम करेगी।
वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा पेश वार्षिक बजट को भविष्योन्मुखी बताते हुए उद्योग संगठनों का कहना है कि यह पिछले तीन सालों में किए गए आर्थिक सुधारों पर आधारित बजट है।
स्वराज इंडिया ने दावा किया कि देश में नोटबंदी से प्रभावित किसानों को कोई राहत नहीं देने सहित केन्द्रीय बजट में महत्वपूर्ण कृषि मुद्दों पर घोषणाओं के अभाव के चलते सरकार की उदासीनता और हेकड़ी भलकती है।
केंद्रीय बजट में विदेश मंत्रालय को 14,798 करोड़ रूपया दिया गया जो पिछले साल की तुलना में महज 135 करोड़ रूपये का इजाफा है। वहीं, अफगानिस्तान में परियोजनाओं के लिए भारी कटौती करते हुए बजटीय आवंटन 520 करोड़ रूपया से घटाकर 350 करोड़ रूपया कर दिया गया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इस बजट में कोई स्पष्ट दृष्टि नहीं है और किसानों, युवाओं एवं नौकरियां पैदा करने के बारे में कुछ नहीं है।