शंघाई फिल्म महोत्सव में दर्शक तब हैरत में पड़ गए जब सन 90 के दशक के लोकप्रिय गाने तुनक-तुनक-तुन ता रा रा पर जैकी चॉन खुद को नहीं रोक पाए और सोनू सूद के साथ थिरक पड़े।
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए कमर कस ली है। चंडीगढ़ में हुआ योग उत्सव उसी की कड़ी है। तैयारी के लिए बाबा रामदेव पहुंच चुके हैं। प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस मुक्त भारत होने में देर हो सकती है।
उड़ता पंजाब फिल्म पर उठे विवाद के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने गुरुवार को कहा कि फिल्म प्रमाणन नियम उदार होंगे तथा अगले कुछ दिनों में कुछ बड़े बदलावों की घोषणा की जाएगी। उड़ता पंजाब में सेंसर फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा कुछ काटछांट करने पर उठे विवाद पर अपनी पहली टिप्पणी में उन्होंने कहा, मैं इसे अति नहीं कहूंगा। वैसे मैं इस मामले को नहीं जानता क्योंकि मैंने संबंधित फिल्म नहीं देखी है।
जब हर तरफ सूखे और गर्मी से लोग बेहाल है, तब ऐसे में मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव बघुवार ने पानी बचाने और भूजल सुरक्षित रखने के लिए नई मिसाल कायम की है। हरियाली से भरपूर इस गांव के कुओं और तालाब में इस भीषण गर्मी में भी पर्याप्त पानी है। यह सब संभव हुआ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सिद्धांतों को अपनाकर।
एक कलाकार रचनाशील होता है। हमेशा कुछ नया और हटकर करने की उसमें ललक होती है। ऐसी ही कुछ ख्वाहिश अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की भी है। शाह बॉलीवुड पर एक किताब लिखना चाहते हैं। इससे पहले अपनी जिंदगी के शुरुआती 32 सालों का संस्मरण लिख चुके अभिनेता का बॉलीवुड पर एक संपूर्ण पुस्तक लाने का इरादा है।
69वें कान फिल्मोत्सव में ऐश्वर्या राय बच्चन और सोनम कपूर जैसी बॉलीवुड हस्तियों के अलावा दूसरे भारतीय फिल्मी सितारे भी समारोह के अलग-अलग कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं।
ऐश्वर्या राय बच्चन ने एक बार फिर कान फिल्मोत्सव के रेड कार्पेट पर अपना जलवा बिखेरा। कुवैत के डिजाइनर अली यूनुस के डिजाइन किए हुए शैंपेन रंग के जड़ाउ गाउन में ऐश्वर्या गजब ढा रही थी।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपनी पुस्तक में आरोप लगाया है कि अभिनेता से राजनीति में आए गोविंदा ने साल 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम की मदद ली थी।
भिखारी ठाकुर पुरस्कार से सम्मानित युवा रंगकर्मी अमित रौशन, राष्ट्रकवि दिनकर की भूमि बेगूसराय के सुपुत्र हैं। वह बिहार थिएटर की दुनिया का ऐसा नाम हैं जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि रंगमंच की नहीं लेकिन जिस शिद्दत से उन्होंने रंगमंच को गले लगाया और उसे जी रहे हैं।