चीन के सरकारी मीडिया में प्रकाशित एक आलेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में कोई नाटकीय सुधार नहीं होने और इसके सुरक्षा केंद्रित होने का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि चीनी नागरिकों को ई-वीजा मुहैया कराने का उनका फैसला अपर्याप्त है और इसका कारोबारी और कामकाजी वीजा तक विस्तार होना चाहिए।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के एक साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार के एक साल के लेखे-जोखे के साथ शुक्रवार को मीडिया के सामने आए। वैसे लोगों को उम्मीद थी कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर सामने आएंगे मगर ऐसा नहीं हुआ। जेटली ने पहले सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और फिर पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।
हरियाणा के नए उपनगरीय इलाकों सोनीपत और पानीपत को केंद्र की 100 स्मार्ट शहर बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल करने से इस क्षेत्र में करीब 200-300 करोड़ रुपए का नया निवेश आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग से बातचीत में दोनों देशों के संबंधों में समस्या पैदा करने वाले मसलों को भी उठाया। इस दौरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चीन की ओर से बड़े पैमान पर निवेश पर उन्होंने चिंता जताई जबकि अरुणाचल प्रदेश के लोगों को चीन द्वारा नत्थी वीजा देने के संदर्भ में वीजा मसले पर ठोस प्रगति की उम्मीद चाही।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 63 हजार करोड़ रुपये के 24 समझौते हुए हैं। इनमें रेल, खनन, पर्यटन, अंतरिक्ष अनुसंधान और व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े समझौते शामिल हैं। चीन भारतीय शहर चेन्नई में अपना वाणिज्य दूतावास खोलेगा जबकि भारत चीन के शहर शेंग्दू में वाणिज्य दूतावास खोलने पर सहमत हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन की तीन दिवसीय यात्रा के तहत गुरुवार को चीन पहुंच गए। इस यात्रा के दौरान वह चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ सीमा विवाद और पाक अधिकृत कश्मीर में चीन की ढांचागत परियोजनाओं की योजनाओं समेत विभिन्न मुद्दों पर शिखर वार्ताएं करेंगे।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने और कोरपोरेट को करों में भारी छूट देने वाली मोदी सरकार की नीतियां कामयाब नहीं होंगी क्योंकि इससे उत्पादन क्षमता पैदा नहीं होगी और लोगों के पास क्रय शक्ति नहीं है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस वर्ष आंशिक रूप से बढ़कर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो 2014 में 7.2 प्रतिशत थी और ब्याज दरों में कटौती से निजी क्षेत्र में व्यय बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बात वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज की समूह कंपनी ने कही।