उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसी फिल्म, वृत्त चित्र या समाचार फिल्म की कहानी के हिस्से के रूप में राष्ट्रगान बजने के दौरान दर्शकों को खड़ा होने की जरूरत नहीं है।
फिल्मों को कला के साथ-साथ संप्रेषण के माध्यम के तौर देखे जाने के प्रति दर्शकों की स्वीकार्यता ने हाल के बरसों में ढेरों फिल्म-समारोहों को भी जन्म दिया है। यही कारण है कि पिछले कुछ सालों में भारत के विभिन्न शहरों में किस्म-किस्म के फिल्मोत्सवों की शुरूआत हुई है जिनमें से काफी सारे समारोह खासा नाम भी कमा चुके हैं।
उच्चतम न्यायालय ने देशभर के सिनेमा घरों में फिल्म के प्रदर्शन से पहले राष्ट्र गान बजाये जाने का अहम निर्देश दिया। न्यायालय ने लोगाें को सिनेमा घरों में राष्ट्रगान बजाये जाने के दौरान खड़े होने का भी निर्देश दिया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा जब राष्ट्रगान बजाया जा रहा हो उस समय पर्दे पर राष्ट्र ध्वज दिखाया जाना चाहिए।
दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
फिल्म निर्माता अनुराग बसु ने कहा है कि वह सलमान खान जैसे एक बोरिंग अभिनेता के साथ काम करने की बजाय जोखिम लेने वाले रणबीर कपूर के साथ काम करना पसंद करेंगे। बसु अपनी आगामी फिल्म जग्गा जासूस के लिए रणबीर के साथ काम कर रहे हैं और बॉक्स आफिस पर अभिनेता के खराब प्रदर्शन से वह जरा भी विचलित नहीं हैं। बर्फी में रणबीर को पहले निर्देशित कर चुके बसु ने कहा कि वह रणबीर की प्रयोगात्मक प्रकृति के प्रशसंक हैं।
2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मुजफ्फरनगर बाकी है काफी चर्चा में रही है। यह फिल्म दंगे के दौरान के हालात और वहां के स्थानीय लोगों की भावनाओं का बखूबी इजहार करती है। फिल्म के जरिये उन तत्वों की तरफ इशारा किया गया है जो मुजफ्फरनगर के हालात के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस फिल्म का प्रदर्शन कई संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। कई बार फिल्म के प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई। ऐसे ही दमनकारी आक्रमणों के प्रतिरोध में फिल्म की टीम और अन्य कई संगठनों ने मिलकर एक ही दिन पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन किया।