मध्य प्रदेश में एक ओर जहां कर्ज माफी को लेकर किसान आए दिन खुदकुशी कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव फिल्म की टिकट बेचते नजर आए।
भारत ने बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों के मंच बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में देरी पर चिंता जताते हुए सदस्यों से इस पर आम सहमति कायम करने के लिए सक्रियता से प्रयास करने की अपील की है।
आज के गांव संचार क्रांति से तो जुड़ गये हैं लेकिन संवेदनशीलता और भाईचारा वहां से खत्म हो रही है, जो उनकी विशिष्ट पहचान थी। यह चिंता कांस्टीटयूशन क्लब में रविवार की शाम जिंदगी पाउंडेशन द्वारा साहित्यायन ट्रस्ट के विशेष सहयोग से आयोजित वर्तमानमेंगांव विषयक संगोष्ठी में शामिल लगभग सभी वक्ताओं ने व्यक्त की। लेखक राजेश सक्षम को सुरेन्द्र तिवारी सम्मान से नवाजा गया। यह कार्यक्रम दिवंगत साहित्यकार सुरेंद्र तिवारी की याद में आयोजित किया गया।
डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के जिहादियों के हाथों में जाने की आशंका को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यह एक खतरनाक परिदृश्य होगा।
भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) और क्षेत्र से पैदा होने वाले आतंकवाद पर आज चीन के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे के रणनीतिक हितों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
दलितों पर हमले के मुद्दे की गर्माहट सोमवार को लोकसभा में महसूस की गई। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से सदन में बयान देने की मांग करते हुए न केवल अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी की बल्कि बाद में वे सदन से वाकआउट भी कर गए। कांग्रेस सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मांग की कि भाषण देने की बजाय कार्रवाई करें।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दलितों पर हमले की हालिया घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर उन पर निशाना साधा है। माकपा महासचिव सीतीराम येचुरी ने कहा कि मोदी की चुप्पी उनकी ओर से हमलावरों को एक तरह से संरक्षण देना है।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने संसद सत्र की अवधि कम होने पर चिंता जताई और कार्यवाही अक्सर बाधित किए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह किसी समूह या व्यक्ति विशेष के हित के लिए सदन को बंधक रखने के समान है।