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नकदी की बहुतायत भ्रष्टाचार का स्रोत : प्रधानमंत्री

नकदी की बहुतायत भ्रष्टाचार का स्रोत : प्रधानमंत्री

अर्थव्यवस्था में नकदी की बहुतायत को भ्रष्टाचार और काले धन का बड़ा स्रोत बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों से नकदी रहित लेनदेन (कैशलेस ट्रांजेक्शन) की ओर बदलाव की राह पकड़ने की अपील की ताकि ऐसे मजबूत भारत की नींव रखी जा सके जहां इस तरह की समस्या के लिए कोई जगह नहीं रहे।
महाराष्‍ट्र के बाद गुजरात चुनाव में भी भाजपा का जलवा, पीएम मोदी ने सराहा

महाराष्‍ट्र के बाद गुजरात चुनाव में भी भाजपा का जलवा, पीएम मोदी ने सराहा

भाजपा को महाराष्ट्र के नगर पालिका और नगर परिषद के चुनाव में भारी सफलता मिलने के बाद गुजरात के स्‍थानीय निकायों के चुनाव में भी बंपर जीत मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के इस प्रदर्शन की मुक्‍तकंठ सराहना की है। उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन दर्शाता है कि लोग सर्वांगीण विकास चाहते हैं और वे भ्रष्टाचार एवं कुशासन बर्दाश्त नहीं करेंगे।
नोटबंदी से भारत में भ्रष्‍टाचार दूर नहीं होगा : चीनी मीडिया

नोटबंदी से भारत में भ्रष्‍टाचार दूर नहीं होगा : चीनी मीडिया

भारत में लोग भले ही नोटबंदी के फैसले को एक हद तक सही मान रहे हों लेकिन पड़ोसी देश चीन का मीडिया इसे भ्रष्‍टाचार दूर करने की दिशा में नाकाफी मानता है। चीन के समाचार पत्र में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि 500 और 1000 रुपये के नोट का बैन किए जाने की पहल साहसिक और निर्णायक जरूर है, लेकिन इस जोखिम भरे कदम से देश भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं होगा।
अर्थशास्त्रियों की राय, नोट बंद होने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा

अर्थशास्त्रियों की राय, नोट बंद होने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा

विश्व प्रसिद्ध फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गॉय सोरमन ने आज कहा कि भारत सरकार का 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला एक स्मार्ट राजनीतिक कदम है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
अखिलेश ने दिया विवादास्पद बयान, वैश्विक मंदी में कालेधन ने भारत को संभाला

अखिलेश ने दिया विवादास्पद बयान, वैश्विक मंदी में कालेधन ने भारत को संभाला

नोटबंदी को लेकर देश भर में जारी हलचल के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज एक विवादास्पद बयान दे दिया। अखिलेश ने दावा किया कि अर्थशास्त्रियों का मत है कि वैश्विक मंदी के दौर में काले धन ने भारतीय अर्थव्ययस्था को सहारा दिया था।
गाजीपुर में मोदी का विरोधियों पर पलटवार, कालाधन वाले ले रहे हैं नींद की गोलियां

गाजीपुर में मोदी का विरोधियों पर पलटवार, कालाधन वाले ले रहे हैं नींद की गोलियां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 500 और हजार रुपये के नोटों का चलन बंद किए जाने को लेकर अपनी सरकार पर हमलावर हुए विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ईमानदारी के महायज्ञ से तकलीफजदा इस पार्टी ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि इंदिरा गांधी की गद्दी बचाने के लिये आपातकाल लगाकर देश को जेलखाना बना दिया था। अपने फैसले को कड़क चाय की तरह बताते हुए पीएम ने कहा कि कालाधन रखने वाले नींद की गोलियां ले रहे हैं।
पनामा पेपर लीक मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिया शरीफ के खिलाफ जांच का आदेश

पनामा पेपर लीक मामला: सुप्रीम कोर्ट ने दिया शरीफ के खिलाफ जांच का आदेश

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एक बड़ा झटका देते हुए पनामा पेपर्स मामले की जांच का आदेश दिया है। इस मामले में प्रधानमंत्री के परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।
जल्द आएगा 25 सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर सूचकांक

जल्द आएगा 25 सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर सूचकांक

जल्द ही लोग सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार के स्तर के बारे में जान सकेंगे। दरअसल, पहली बार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) 25 संगठनों में रिश्वत के बारे में विचार जुटाने के लिए एक जन धारणा सूचकांक (पब्लिक परसेप्शन इंडेक्स) लाने जा रहा है।
अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

अच्‍छे दिन कैसे आएंगे, भुखमरी पर भारत की हालत अभी भी चिंताजनक

खाद्य सुरक्षा पर किए गए तमाम सरकारी योजनाओं के बावजूद भुखमरी के मामले में भारत की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। इसे नापने वाले वैश्विक पैमाने 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' में भारत को 'चिंताजनक श्रेणी' में रखा गया है। 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' दुनिया भर के देशों में भुखमरी के हालात और इसके मुख्य कारणों पर नजर रखने वाली गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट' की ओर से तैयार किया गया है।
लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता में 21 स्थान की बढ़त के बावजूद 87वें स्थान पर भारत

लैंगिक समानता के मामले में पिछले साल की तुलना में 21 स्थानों की बढ़त हासिल करने के बावजूद भारत को वैश्विक स्तर पर बेहद पिछड़ा यानी 87वां स्थान मिला है। भारत को मिली बढ़त मुख्यत: शिक्षा में हुई प्रगति के कारण है। इस सूची में आइसलैंड शीर्ष पर है।
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