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डीयू छात्र संघ चुनाव के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी को झटका, सभी पदों पर हारी

डीयू छात्र संघ चुनाव के बाद हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी एबीवीपी को झटका, सभी पदों पर हारी

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में दो अहम पदों पर हार के बाद अब हैदराबाद केंद्रीय यूनिवर्सिटी...
नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनिता ने की खुदकुशी, चेन्नई में एसएफआई ने किया प्रदर्शन

नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाली अनिता ने की खुदकुशी, चेन्नई में एसएफआई ने किया प्रदर्शन

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने इस आत्महत्या के लिए केंद्र और राज्य सरकार को दोषी ठहराया है।
कोविंद के जरिए भाजपा ने खेला ऐसा कार्ड, मायावती भी विरोध नहीं कर पाईं

कोविंद के जरिए भाजपा ने खेला ऐसा कार्ड, मायावती भी विरोध नहीं कर पाईं

राष्ट्रपति चुनाव में दलित समाज से जुड़े बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आगे कर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कोविंद की उम्मीदवारी के मुद्देे पर विपक्ष भी उलझन में पड़ा सकता है। यहां तक कि बसपा प्रमुख मायावती भी सीधे तौर पर उनका विरोध नहीं कर पा रही हैं।
हरियाणा में 15 दलित एक्टिविस्टों पर ‘राजद्रोह’  का मुकदमा, सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण  देने का आरोप

हरियाणा में 15 दलित एक्टिविस्टों पर ‘राजद्रोह’ का मुकदमा, सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप

हरियाणा पुलिस ने 15 दलित एक्टिविस्टों पर ‘राजद्रोह’ का केस दर्ज किया है। इसमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले दो छात्र भी शामिल हैं। इन पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।
गैंगरेप से पीड़ित दलित छात्रा ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, मांगा इंसाफ

गैंगरेप से पीड़ित दलित छात्रा ने लिखा पीएम मोदी को पत्र, मांगा इंसाफ

देश में आए दिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और गैंगरेप की घटनाएं सुनने और पढ़ने को मिलती है। एक ऐसी ही घटना कर्नाटक की है, जहां गैंगरेप का शिकार हुई एक दलित छात्रा ने इंसाफ की गुहार लगाई है। इस संबंध में पीड़िता ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है।
नए दौर में दलित पॉलिटिक्स: जाति पर जोर से दलित एजेंडा हुआ फीका

नए दौर में दलित पॉलिटिक्स: जाति पर जोर से दलित एजेंडा हुआ फीका

आज दलित समुदाय हर दृष्टि से चौराहे पर खड़ा है। कई दशक बाद दलित राजनीति लगभग हाशिए पर पंहुच गई है। दलित जन प्रतिनिधियों से दलित समुदाय एकदम निराश है। वे समुदाय पर होने वाले अत्याचार के मसलों पर कुछ नहीं बोलते हैं। अब दलित समाज में उन्हें खुले मंचों से पूना पैक्ट की खरपतवार कहना शुरू कर दिया है।
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