काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के बाद जब वहां के स्थानीय समाचार पत्रों पर नजर दौड़ाई तो पाया कि भूकंप की त्रासदी की चर्चा कम, संविधान की चर्चा ज्यादा है। हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद बातचीत के क्रम में जब लोगों से जानना चाहा कि अब भूकंप के बाद क्या स्थिति है तो लोग भूकंप की बजाय देश के संविधान पर बात ज्यादा कर रहे थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक अगर भूकंप नहीं आता तो शायद राजनीतिक दल संविधान को लेकर इतनी जल्दी सक्रिय नहीं होते।
सर्जरी कराने के बाद जयपुर के अस्पताल से मुंबई लौटने के बाद भारतीय जनता पार्टी की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने दुर्घटना में आहत हुए परिवार को वित्तीय सहायता की पेशकश की है। अपनी बेटी ईशा देओल और दामाद भरत तख्तानी के साथ 66 वर्षीया अभिनेत्री शनिवार को चार्टर्ड विमान से मुंबई लौट गईं।
दिल्ली में बलात्कार पीड़िता की ‘टू फिंगर जांच’ की अनुमति देने के एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं।
सन 2014 में आई विनाशकारी बाढ़ से अब तक उबर नहीं पाए जम्मू के किसानों को उस समय एक और झटका लगा जब राज्य सरकार की ओर से उन्हें महज 32 रुपये से लेकर 113 रुपये की राशि वाला चेक प्रदान किया गया।
25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के लिए अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री निशा बिस्वाल भूकंप से हुई तबाही और अमेरिकी राहत एवं बचाव अभियानों का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह नेपाल का दौरा कर रही हैं।
नेपाल और उत्तर भारत के कई शहरों में आज फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। करीब 7.3 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास था। हालिया झटकोंं के बाद नेपाल में 42 और भारत में 18 लोग मारे गए हैं। भारत में सबसे ज्यादा नुकसान बिहार में हुआ है।