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किसान कर्जमाफी पर वैंकेया नायडू बोले- ‘कर्जमाफी अब फैशन बन चुका है’

किसान कर्जमाफी पर वैंकेया नायडू बोले- ‘कर्जमाफी अब फैशन बन चुका है’

देश में लगातार बढ़ रहे किसान खुदकुशी के मामले को देखते हुए हाल ही में यूपी, महाराष्ट्र और पंजाब के बाद कर्नाटक ने भी बुधवार को किसान के फसल कर्ज माफ करने का ऐलान किया है।
परंपराओं को तोड़ फैशन शो में रैंप पर चलीं विधवाएं

परंपराओं को तोड़ फैशन शो में रैंप पर चलीं विधवाएं

एक फैशन शो कार्यक्रम में विधवा महिलाओं ने रैंप पर चलकर उन तमाम बेड़ियों को तोड़ने के संकेत दे दिए जो परंपराओं के नाम पर बरसों से उनके पैरों को जकड़े हुए हैं। इस फैशन शो का आयोजन गैर सरकारी संस्था सुलभ इंटरनेशन ने खास तौर से विधवा महिलाओं के लिए ही किया था।
खादी का नित दिन बढ़ता क्रेज : आईआईटी बाॅम्बे में दीक्षांत समारोह की होगी पोशाक

खादी का नित दिन बढ़ता क्रेज : आईआईटी बाॅम्बे में दीक्षांत समारोह की होगी पोशाक

देश मेंं खादी अब केवल नेताओं की पाेशाक नहींं रही। बल्कि खादी फैशन का ट्रेंड बन गई है। वह पढ़े-लिखे अभिजात्‍य वर्ग के जीवन का हिस्‍सा भी बनते जा रही है।
10 गलतियां जो फैशनेबल लड़कियां करती हैं

10 गलतियां जो फैशनेबल लड़कियां करती हैं

फैशन करना तो सब चाहते हैं पर छोटी-छोटी गलतियां फैशनेबल लोगों की मुसीबत का सबब भी बन जाती हैं। कुछ बातें जो देख कर सीखी जाती हैं, उनमें भी सावधानी जरूरी है।
बीबी रसेल पर छाया राजस्थानी रंग

बीबी रसेल पर छाया राजस्थानी रंग

बांग्लादेशी फैशन डिजाइनर और अंतरराष्ट्रीय मॉडल रह चुकीं बीबी रसेल राजस्थान के खादी कपड़े को नई शैली में अपने नए कलेक्शन में पेश करने जा रही हैं।
लैगिंग ब्लंडर्स

लैगिंग ब्लंडर्स

फैशनेबल रहना किसी भी महिला का अधिकार हो सकता है। नए चलन का कपड़ा पहनने का मन किसी भी महिला का हो सकता है। लेकिन इस चलन में कुछ बातों पर गौर करना भी जरूरी है।
पुरुष मोर की तरह सुंदर दिखें

पुरुष मोर की तरह सुंदर दिखें

फैशन का मतलब सिर्फ अच्छे या चलन में चल रहे कपड़े पहनना भर नहीं है। फैशन बहुत अलग ढंग से परिभाषित होता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फैशन लड़कियों के लिए होता है। जनाब फैशन पुरुषों के लिए भी होता है। जे जे वलाया ने यही तो कर दिखाया है।
‘कैलेंडर गर्ल्स’ बाहर निकलीं

‘कैलेंडर गर्ल्स’ बाहर निकलीं

मधुर भंडारकर सामाजिक विषयों में मनोरंजन और व्यावसायिकता का तड़का लगा कर फिल्में बनाना पसंद करते हैं। चांदनी बार से लेकर फैशन तक उन्होंने किसी न किसी उद्योग को आधार बना कर काम किया है। इस बार वह कैलेंडर पर दिखने वाली खूबसूरत बालाओं पर फिल्म बना रहे हैं।
निखर रही है खादी

निखर रही है खादी

जो न बदले वह फैशन ही क्या। पल-पल बदलती शैली ही फैशन की असली ताकत है। खादी आजादी की लड़ाई के वक्त से जनता के बीच लोकप्रिय है। पर इसे जनप्रिय बनाने के लिए समय-समय पर बदलाव करने पड़ते हैं। फैशन के इस दौर में खादी भी निखर रही है, संवर रही है।
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