मध्यप्रदेश के मंदसौर में किसानों की हड़ताल ने छठवें दिन हिंसक रूप ले लिया है। किसानों पर पुलिस की फायरिंग ने कई किसानों को मौत के घाट उतार दिया है। किसान संगठन का आरोप है कि मंदसौर में फिलहाल इमरजेंसी जैसे हालात हैं।
अनाज, सब्जी और दूध के वाजिब दाम नहीं मिलने से नाराज किसान देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान मध्यप्रदेश के सीहोर में पथराव और तोड़फोड़ की घटना भी सामने आई है।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद आज अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। ये किसान महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी और फसलों के बेहतर दाम की मांग कर रहे थे।
महाराष्ट्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाने वाले किसानों के आंदोलन का असर आज दूसरे दिन भी बरकरार है। कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान गुरुवार से हड़ताल पर हैं। राज्य में किसान आंदोलन में जारी हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है। किसानों ने बुलडाणा में दूध से होली भी खेली।
मंगलवार 30 मई को देश भर में दवा दुकानें बंद रहेंगी। दवाओं की बिक्री संबंधी बने कड़े नियमों के खिलाफ दवा विक्रेताओं ने बंद का ऐलान किया है। वे एक दिन के लिए अपनी दुकानें बंद रखेंगे। माना जा रहा है कि इसमें करीब 9 लाख दवा दुकान शामिल होंगे।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गांव गोठड़ा टप्पा में अनशन पर बैठी छात्राओं की मांग को सरकार ने मान ली है। पिछले एक हफ्ते से 13 छात्राएं भूख हड़ताल पर बैठी थीं। छात्राओं की मांग थी कि उनके स्कूल को अपग्रेड कर 12वीं तक की कक्षाएं संचालित करवाई जाए। जिस पर शिक्षामंत्री ने कहा कि इसके लिए सरकार जल्द अधिसूचना जारी करेगी।
पुरवाई की मार और आंधी के कहर की वजह से इस बार फलों के राजा आम की पैदावार में 65 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आने की आशंका है। लिहाजा इस दफा आम बेहद खास होने जा रहा है और इसका जायका लेने के लिये जेब काफी ढीली करनी पड़ सकती है। मौसमी हालात से बेजार आम उत्पादकों ने सरकार से खुद को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में लाने की मांग की है।
कांग्रेस ने भाजपा पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कहा कि मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के कृषि आय पर टैक्स लगाने की वकालत करने के साथ ही इस मामले पर भाजपा का पर्दाफाश हो गया है।
जंतर-मंतर पर तमिलनाडु के किसानों का धरना-प्रदर्शन अपने अनूठे तौर-तरीकों को लेकर चर्चाओं में रहा। पढ़िए, इस आंदोलन को किस नजरिये से देखते हैं मध्य प्रदेश के युवा किसान नेता केदार सिरोही