आमतौर पर जन आंदोलनों की तरफ ध्यान तभी जाता है जब कोई बड़ी हस्ती शामिल हो या कहीं हिंसा भड़क जाए। लेकिन पिछले दो हफ्ते से राजस्थान के शेखावाटी में फैला किसान आंदोलन न सिर्फ शांतिपूर्ण है बल्कि अपने मुद्दों और मकसद पर कायम भी है।
उत्तर प्रदेश के करीब 1.5 लाख शिक्षामित्र आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेरा डाले हुई हैं और शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक के पद पर समायोजन की मांग पर डटे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को किसानों की खुदकुशी और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। मंगलवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी।
पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में किसानों की आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। यूएसनगर जिले में ट्रैक्टर का लोन नहीं चुका पाने की वजह से किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। किसान की मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है। फिलहाल किसान के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की चमक से कांग्रेस नवंबर 2018 विधान सभा चुनाव में कितनी लहलहाएगी, यह तो कहना मुश्किल है, लेकिन सोमवार को आयोजित कांग्रेस के किसान एवं युवा क्रांति सम्मेलन के द्वारा पार्टी अपनी पस्तहाल नसों में कांग्रेसी खून का प्रवाह की राह पर चल पड़ी है।
मध्य प्रदेश के मंदसौर में सियासत एक बार फिर उबाल पर है। गुरुवार को कई किसान संगठनों ने पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम रखा है। इस दौरान किसानों के मुद्दे पर योगेंद्र यादव सहित कई किसान नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को मंदसौर में गिरफ्तार कर लिया गया है। वे अखिल भारतीय किसान संघर्ष-समन्वय समिति के बैनर तले 6 राज्यों में 12 दिनों की किसान मुक्ति यात्रा निकालने जा रहे थे जिसकी शुरुआत मंदसौर से हो रही थी।