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विरोध करने वालों का आचरण सैनिकों जैसा नहीं : पर्रिकर

विरोध करने वालों का आचरण सैनिकों जैसा नहीं : पर्रिकर

वन रैंक वन पेंशन की अधिसूचना के विरोध में पूर्व सैन्य कर्मियों द्वारा अपने पदक लौटाने का फैसला करने के एक दिन बाद, आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि विरोध करने वाले पूर्व सैन्य कर्मियों का आचरण सैनिकों जैसा नहीं है और उन्हें गुमराह कर दिया गया है।
अब ओ‌लंपि‌क में नहीं बरसेंगे विजेंदर के मुक्के

अब ओ‌लंपि‌क में नहीं बरसेंगे विजेंदर के मुक्के

देश के सबसे लोकप्रिय मुक्केबाज और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह ने एमेच्योर (शौकिया) मुक्केबाजी को छोड़कर अब पेशेवर मुक्केबाजी को अपना लिया है। इसका अर्थ यह है कि अब विजेंदर किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाएंगे और अगले वर्ष ओलंपिक में भी भाग नहीं ले पाएंगे। ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बनने के बाद विजेंदर भारतीय मुक्केबाजी का चर्चित चेहरा बन गए थे।
संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित होंगे 126 शांति रक्षक, दो भारतीय

संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित होंगे 126 शांति रक्षक, दो भारतीय

संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के दौरान पिछले साल मारे गए सेना, पुलिस और असैन्य नागरिकों से जुड़े 126 लोगों को मरणोपरांत प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र मेडल से सम्मानित करेंगे।
गगन नारंग को मिला ओलंपिक कोटा

गगन नारंग को मिला ओलंपिक कोटा

भारतीय निशानेबाज गगन नारंग ने अमेरिका के फोर्ट बेनिंग में चल रहे आईएसएसएफ विश्व कप में 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में कांस्य पदक जीत 2016 में होने वाले रियो ओलंपिक खेलों के लिए कोटा हासिल किया।
सदी का महामुकाबला: फ्लॉयड मेवेदर बने विश्‍व चैंपियन

सदी का महामुकाबला: फ्लॉयड मेवेदर बने विश्‍व चैंपियन

कांटे के मुकाबले में मेवेदर ने पैकियाओं को मामूली अंतर से हराया। लगातार 48वीं जीत के साथ वने विश्‍व विजेता। मेवेदर के नाम हुई 1200 करोड़ रुपए की ईनामी राशि, जो डेविड बेक्‍हम के पूरे करियर की कमाई के बराबर है। पैकियाओ पर शुरुआत से ही हावी रहे 38 साल के मेवेदर लेकिन पैकियाओ ने भी उन्‍हें कड़ी टक्‍कर दी।
चलती बस में रहम की भीख मांगती रहीं मां-बेटी

चलती बस में रहम की भीख मांगती रहीं मां-बेटी

दामिनी कांड के बाद भी महिलाओं से चलती बस में छेड़छाड़ का सिलसिला थमा नहीं है। अब पंजाब में गुंडों से बचाने के लिए मां-बेटी गुहार लगाती रहीं, लेकिन किसी को रहम नहीं आया। कोई मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा। आखिरी दम तक जूझने के बाद बस से गिरकर बेटी की मौत, मां बुरी तरह घायल।
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