देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
पिछले कुछ हफ्तों में लेखकों वैज्ञानिकों और कलाकारों के सम्मान लौटाने की बाढ़ देखी गई। पुरस्कार लौटाने के जरिये ये सम्मानित और पुरस्कृत लोग अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए खड़े हुए हैं। बढ़ती असहिष्णुता और हमारे बहुलतावादी मूल्यों पर हो रहे हमलों पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इन शिक्षाविदों, इतिहासकारों, कलाकारों और वैज्ञानिकों के कई बयान भी आए हैं। जिन्होंने अपना पुरस्कार लौटाया है वे सभी साहित्य, कला, फिल्म निर्माण और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों में से हैं। इस तरह सम्मान लौटाकर उन सभी लोगों ने सामाजिक स्तर पर हो रही घटनाओं पर अपने दिल का दर्द बयान किया है।
बढ़ती असहिष्णुता और गलत नीतियों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। सोनिया ने राष्ट्रपति से सरकार को कड़े कदम उठाने की सलाह देने का आग्रह किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल करते हुए आठ कैबिनेट मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया है और नौ मंत्रियों का विभाग छीन लिया है।
देश के जाने-माने वकील और भाजपा से निष्कासित राम जेठमलानी ने पटना में मोदी विरोधी बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। जेठमलानी ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, उन्हें इस बात का अफसोस है कि एक वकील होते हुए भी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरुण जेटली के झांसे में आ गए। वह बिहार चुनाव में भाजपा को हारते हुए देखना चाहते हैं।
देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में पतन की राह पर अग्रसर है। धर्मनिरपेक्षता, अनेकता, और भारतीय राष्ट्रीयता को राजनैतिक तौर पर कमजोर किए जाने के अलावा सांस्कृतिक बहुलता और मेलजोल की परंपरा पर भी कुठाराघात हो रहा है।
झारखंड सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड (एमएसजी-2) को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया। फिल्म को कथित तौर पर आदिवासियों के संबंध में की गई विवादित टिप्पणियों के चलते प्रतिबंधित किया गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शहर मेरठ और वहां के कम पढ़े-लिखे बेरोजगार लड़के। वैसे ही जैसे खाली दिमाग शैतान का घर टाइप होते हैं। छोटी मोटी छेड़खानी और गुंडागर्दी से ही जिनका काम चलता है एक दिन उस समूह के लड़के अचानक खुद को एक बड़े गैंग के रूप में पाते हैं।