रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने तत्कालीन सरकार में अपने आकाओं पर तीखी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व वित्त मंत्रियों पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय बैंक के कामकाज में विशेष तौर पर ब्याज दर तय करने के मामले में हस्तक्षेप किया और इस मुद्दे पर मतभेद के चलते दो डिप्टी गवर्नरों को सेवा विस्तार भी नहीं मिला।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव को उस दौर की कमी जरूर महसूस होती है जब उनके एक-एक शब्द पर बाजार थिरकता था। लेकिन अब उन्हें इस बात की खुशी है कि वह गवर्नर नहीं हैं और वह बाजार में उतार-चढाव की चिंता किए बगैर अपनी बात को खुल कर रख सकने को स्वतंत्र हैं।
यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी टेरी के पूर्व प्रमुख आर के पचौरी को दिल्ली की एक अदालत ने जमानत देते हुए एक बार फिर उन्हें विदेश जाने की अनुमति दे दी।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की मांग करते हुए मेरठ की एक अदालत में याचिका दायर की गई है वहीं भाजपा और जदयू ने उनके खिलाफ कार्रवाई तथा तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
तेलंगाना के आंदोलनरत न्यायाधीशों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राज्य की विभिन्न अदालतों और न्यायिक विभागों में काम करने वाले करीब 8,000 कर्मी शुक्रवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गए। इससे राज्य की अदालतों का कामकाज ठप पड़ गया और मुकदमों में उलझे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व ड्राइवर श्यामवर राय ने अदालत को बताया कि इंद्राणी ने अपनी बेटी की गला दबाकर हत्या करने के शीघ्र बाद एक पार्सल में बंदूक छिपाकर हथियार रखने के एक मामले में उसे फंसाया था। राय इस मामले में इकबाली गवाह बन गया है।
तेलंगाना के करीब 100 जज 9 जजों के निलंबन के मामले पर खफा होकर मंगलवार को 15 दिन के सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले गए। हैदराबाद हाईकोर्ट ने अनुशासनहीनता के आधार पर 9 न्यायाधीशों को निलंबित कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ तेलंगाना के जज नाराज बताए जा रहे हैं। जजों ने मांग की है कि न्यायाधीशों का निलंबन रद्द किया जाए।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों के अस्थायी आवंटन के खिलाफ आंदोलन और तेज हो गया है। हैदराबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अनुशासनहीनता के आधार पर निचली अदालत के नौ और न्यायाधीशों को निलंबित कर दिया जिसके विरोध में राज्य के 200 न्यायिक अधिकारी 15 दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर चले गए।