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जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए :स्वामी

जेएनयू का नाम सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए :स्वामी

दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का नाम बदलकर सुभाष चन्द्र बोस यूनिवर्सिटी रखने की मांग करते हुये भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने शनिवार को आरोप लगाया कि वह ऐसे लोगों का अड्डा बनता जा रही है जो देश के खिलाफ साजिश में शामिल है।
दस साल में मनरेगा में  3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

दस साल में मनरेगा में 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च, भ्रष्टाचार बाधक बनकर उभरा

गांव के हालात बदलने और लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के कल 10 वर्ष पूरे होंगे। इस योजना पर अब तक 3.13 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। हालांकि उत्तरप्रदेश, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, मणिपुर जैसे कई राज्यों में इस योजना के कार्यान्वयन को लेकर भ्रष्टाचार एवं अनियमिताताओं की शिकायतें बाधक के रूप में उभर कर सामने आई हैं।
सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

सट्टा होगा मंजूर तो मिटेगा भ्रष्टाचारः न्यायमूर्ति लोढ़ा

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. एम. लोढ़ा खुद मानते हैं कि स्कूल के बाद क्रिकेट में उनकी ज्यादा रुचि नहीं रही। बतौर न्यायाधीश उन्होंने सिर्फ दो मैच खेले और एक मैच में क्षेत्ररक्षण के दौरान अपना अंगूठा तुड़वा बैठे। लेकिन भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष के तौर पर क्रिकेट में अपनी नई पारी से वह उत्साहित हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण सुधार की सिफारिश की है। लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों से सत्ता पर काबिज कुछ लोगों के अहं को भी ठेस लगी है। उषिनोर मजुमदार को दिए एक इंटरव्यू में न्यायमूर्ति लोढ़ा ने खुलकर बताया कि क्यों क्रिकेट की जागीर प्रथा खत्म होनी चाहिए और सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए। पेश है बातचीत के मुख्य अंश:
400 अंकों के गोते के साथ सेंसेक्स 25 हजार के नीचे

400 अंकों के गोते के साथ सेंसेक्स 25 हजार के नीचे

बंबई शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक गुरुवार को कारोबार के शुरआती दौर में ही 400 अंक से अधिक टूटकर 25,000 अंक से नीचे उतर गया। चीन के बाजारों में बिकवाली का दौर आज भी जारी रहने से घरेलू बाजारों में भी गिरावट रही।
डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

डीडीसीए दूध का धुला है तो बीसीसीआई और हाईकोर्ट ने क्यों रोका: बेदी

पूर्व भारतीय कप्तान बिशन सिंह बेदी ने शुक्रवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस खेल संस्था में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिये अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।
डीडीसीए की अनियमितताओं पर नकेल कसेगी दिल्ली सरकार

डीडीसीए की अनियमितताओं पर नकेल कसेगी दिल्ली सरकार

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में पिछले एक दशक से चल रही अनि‌यमितताओं और भ्रष्टाचार का दौर अब शायद खत्म होने की उम्मीद जगी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से क्रिकेटर गौतम गंभीर की मुलाकात के बाद सरकार ने दो सदस्यीय समिति गठित की है। वहीं, भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद, बिशन सिंह बेदी और आकाश लाल सरीखे क्रिकेट शुभचिंतकों ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर डीडीसीए के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
बिहार इफेक्टः शेयर बाजार धड़ाम, रुपये ने लगाया गोता

बिहार इफेक्टः शेयर बाजार धड़ाम, रुपये ने लगाया गोता

बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत राजग की करारी हार के बाद पहले कारोबारी दिन बॉम्बे शेयर बाजार का सूचकांक शुरुआती कारोबार में 608 अंक टूटकर 26,000 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 180 अंक टूटकर 7,800 के स्तर से नीचे आ गया।
वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला अब हाईकोर्ट में चलेगा

वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला अब हाईकोर्ट में चलेगा

उच्चतम न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मुकदमे को दिल्ली उच्च न्यायायल में स्‍थानांतरित कर दिया है। समझा जाता है कि शीर्ष अदालत ने यह कवायद किसी तरह के झंझट और विवाद में पड़ने से बचने के लिए की है।
आप की अंदरूनी राजनीति का शिकार हुआ: आसिम खान

आप की अंदरूनी राजनीति का शिकार हुआ: आसिम खान

एक बिल्डर से 6 लाख रुपये घूस मांगने के आरोप में मंत्री पद से हटाए गए आम आदमी पार्टी के विधायक आसिम अहमद खान ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए पार्टी को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
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