उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने 9 नए मंत्रियों की चर्चा करते हुए कहा कि कैबिनेट विस्तार लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा किए गए वादों और गरीबी, बेरोजगारी, गंगा सफाई जैसी समस्याओं पर सरकार की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने का एक प्रयास है।
मनीष तिवारी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुछ नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। कई को पद से हटाया। इसमें आश्चर्यजनक यह है कि सारी प्रक्रिया से पीएम खुद बाहर दिखे।"
एक ओर जहां मोदी सरकार सत्ता में तीन साल पूरे होने का जश्न मना रही है। वहीं, दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने एक अनोखे तरीके का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को किसी मंत्री या नेता के घर के सामने नहीं बल्कि एक दावत के दौरान किया गया। इस खास दावत में मोदी की नाकामी पर व्यंजनों का नाम दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि लोकतंत्र में सरकारें जवाबदेह होती हैं उनको जनता-जनार्दन को हिसाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, "मेरी सरकार के तीन साल पूरे होने पर कई तरह के सर्वे और ओपीनियन पोल आए हैं। कहीं तारीफ हुई है तो कहीं आलोचना। लेकिन हमारे लिए सभी महत्वपूर्ण हैं। हमारे 3 साल के काम को हर कसौटी में कसा गया है।"
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकारों को राशन की दुकानों (पीडीएस) पर यह दर्शाना चाहिए कि खाद्यान्न पर केंद्र और राज्यों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी दी जा रही है। यह जानकारी सार्वजनिक होने के बाद गरीबों को सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध कराने में किसका कितना योगदान है उसके बारे में तस्वीर स्पष्ट हो जायेगी और अकेले राज्य इसका श्रेय नहीं ले पायेंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार पर नए सिरे से निशाना साधते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कश्मीर की स्थिति से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके पर सवाल खड़ा करते हुए भाजपा पर हिंदुओं की आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश की तस्वीर साफ नहीं है।