मुंबई के 1993 के बम धमाकों के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर यूं तो पिछले कई दिनों से राजनीति जमकर हो रही है मगर गुरुवार को उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद तो जैसे नेताओं में बयानबाजी की होड़ ही लग गई।
सुप्रीम कोर्ट में याकूब मेमन की क्यूरेटिव याचिका रद्द करने और मृत्यु वारंट बहाल रखने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर और आम गपशप में यह सवाल भी उठया जा रहा है कि कहीं पंजाब के आतंकी हमले से अदालत की राय तो प्रभावित नहीं हुई। हालांकि आमतौर पर माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा अपने तर्क और विवेक के आधार पर फैसले देता है।
1993 के मुंबई बम धमाकों में फांसी की सजा पाया आतंकी याकूब मेमन इस सजा से बचने के लिए हर संभव उपाय आजमा रहा है। मंगलवार को जहां उसने महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव के सामने दया याचिका लगाई वहीं गुरुवार को एकबार फिर से उसने सुप्रीम कोर्ट में फांसी पर रोक लगाने की याचिका दायर की है।