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क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

क्या वाकई राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री सिर्फ हिंदी में देंगे भाषण? जानिए पूरा सच

राजभाषा पर बनी संसदीय समिति की 9वीं रिपोर्ट की ज्यादातर सिफारिशें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मान ली हैं। लेकिन इन सिफारिशों को जिस तरह प्रचारित किया जा रहा है, उससे हिंदी का भला कम, नुकसान ज्यादा हो सकता है। भाषाई वर्चस्व के जिन आरोपों से उबरने में हिंदी को कई दशक लगे, ऐसे खबरेें उन्हें फिर से जिंदा कर सकती हैं।
हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

हिन्दुस्तानी से हिंग्लिश की ओर बढ़ते हुये बीता हिन्दी का 21वीं सदी का 16वां साल

21वीं सदी के 16वें साल में हिन्दी अपने मिजाज के मुताबिक व्याकरण की जकड़बंदी से निकलकर उर्दू मिश्रित हिन्दुस्तानी से होते हुये अंग्रेजीनुमा हिंग्लिश की ओर बढ़ती रही। बोलचाल अथवा संप्रेषण के स्वनियम पर आधारित हिन्दी में इस साल जहां एक ओर अन्य भाषाओं और ज्ञान-विज्ञान के विभिन्न इलाकों से आने वाले शब्दों को जगह मिली, वहीं दूसरी ओर फेसबुक-ट्विटर और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से हैश-टैग और एट दि रेट आॅफ जैसे निशान भी हिन्दी में शामिल होते गये।
एकता हमारे वैविध्य का ही प्रतीक है: कपिल कपूर

एकता हमारे वैविध्य का ही प्रतीक है: कपिल कपूर

साहित्य अकादेमी की ‘राष्ट्रीय भावात्मक एकता: भारतीय भाषा और साहित्य के संदर्भ में’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी के समापन पर कपिल कपूर ने कहा, भारत का एकत्व ज्ञान की परंपरा के कारण ही है।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना अनुचित: मुस्लिम थिंकटैंक

शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना अनुचित: मुस्लिम थिंकटैंक

कुछ संगठनों द्वारा अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई से हटाने की सिफारिश किए जाने पर एक प्रमुख मुस्लिम थिंकटैंक ने आज कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में किसी भाषा को थोपना उचित नहीं रहेगा और अंग्रेजी आधुनिक दौर में विकास की एक प्रमुख धुरी है जिससे आज की पीढ़ी को उपेक्षित नहीं रखा जा सकता।
भाषा-तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की सफलता का उत्सव है फ्यूल कॉन्‍फ्रेंस

भाषा-तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की सफलता का उत्सव है फ्यूल कॉन्‍फ्रेंस

फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्‍फ्रेंस 2016 को भाषा तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की बेमिसाल सफलता का उत्सव कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भाषाई कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का यह सलाना उत्सव इस साल नई दिल्ली के द सूर्या होटल में बीते सप्ताहांत में आयोजित किया गया। दुनियाभर से करीब सौ से अधिक लोग इस कार्यक्रम में शरीक हुए।
हिन्दी आम आदमी की भाषा, उच्च शिक्षा में बढ़ावा दें: सुभाष चंद्रा

हिन्दी आम आदमी की भाषा, उच्च शिक्षा में बढ़ावा दें: सुभाष चंद्रा

राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का कहना है कि कोई भी भाषा हिन्दी का स्थान नहीं ले सकती क्योंकि यह आम आदमी की भाषा है। ऐसे में हिन्दी को उच्च शिक्षा में शिक्षा का माध्यम (एमओआई) बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। चंद्रा ने यह बातें साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहीं।
गोवा में संंघ के विद्रोहियों का 11 को अधिवेशन, भाषा पर होगा रणनीतिक मंथन

गोवा में संंघ के विद्रोहियों का 11 को अधिवेशन, भाषा पर होगा रणनीतिक मंथन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से विद्रोह करके गोवा में समानांतर संगठन खड़ा करने वाले स्वयंसेवकों ने भविष्य कार्यक्रम तय करने के लिए 11 सितंबर को अधिवेशन बुलाया है। समानांतर संगठन आरएसएस के प्रदेश प्रमुख (प्रांत संघचालक) पद से हटाए गए सुभाष वेलिंगकर के समर्थन में खड़ा हुआ है और वही उसके कर्ता-धर्ता हैं। वेलिंगकर को प्रदेश की भाजपा सरकार का विरोध करने के कारण प्रांत संघचालक के पद से हटा दिया गया था।
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