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भारत की वृद्धि दर 2015 में सात प्रतिशत रहेगी: मूडीज

भारत की वृद्धि दर 2015 में सात प्रतिशत रहेगी: मूडीज

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने मंगलवार को कहा कि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट की मदद से भारत के चालू खाते का घाटा (कैड) निम्न स्तर पर बना रहेगा लेकिन औद्योगिक उत्पादन और निवेश की वृद्धि दर में सुधार की गति धीमी होने के कारण चालू वित्त के दौरान आर्थिक वृद्धि दर सात प्रतिशत तक सीमित रहेगी।
1930 जैसी महामंदी का खतरा: रघुराम राजन

1930 जैसी महामंदी का खतरा: रघुराम राजन

वर्ष 2008 की वैश्विक मंदी की सटीक भविष्‍यवाणी करने वाले अर्थशास्‍त्री और आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने चेतावनी दी है कि विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था के सामने 1930 जैसी महामंदी का खतरा पैदा हो सकता है।
भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

भीषण गर्मी के बाद मानसून ने कराया इंतजार

मौसम विभाग के अनुमानों पर पानी फेरता हुए मानसून पिछले हफ्ते भर से श्रीलंका के आसपास ठहरा हुआ है। मौसम विभाग ने अब 4 जून तक मानसून के केरल तट पर पहुंचने की उम्‍मीद जताई है।
केवी कामथ: ब्रिक्‍स निर्माण में भारतीय लोहा

केवी कामथ: ब्रिक्‍स निर्माण में भारतीय लोहा

के.वी. कामथ के नाम से बेहतर पहचाने जाने वाले आईसीआईसीआई के अध्यक्ष कुंडापूर वामन कामथ जल्दी ही उस नए विकास बैंक की अध्यक्षता संभालने वाले हैं जिसे ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) ने ग‌ठित किया है। यह बैंक शंघाई में स्थित होगा और उदीयमान देशों को इनफ्रास्टक्चर परियोजनाओं के लिए वित्त उपलब्‍ध कराएगा। इसे विश्व बैंक के विलोम के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि तेजी से विकासशील ‌ब्रिक्स देशों का पूरी विश्व अर्थव्यवस्‍था में 5वां हिस्सा है और वे दुनिया की आबादी का 42 प्रतिशत है।
कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

कुछ सवाल जो पनगढ़िया छिपा गए

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने अपने ब्लॉग में देश की आर्थिक तरक्की का जिक्र किया है और इसमें कृषि को छोड़ अन्य दूसरे क्षेत्रों का योगदान बताया है। लेकिन उन्होंने यह जिक्र करना शायद उचित नहीं समझा कि पिछले जिस दशक के दौरान अर्थव्यवस्‍था में सबसे तेज विकास हुआ, उसी अवधि में रोजगार की विकास दर सबसे धीमी क्यों रही?
पीएम मोदी ने किया भारत-चीन के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी का आह्वान

पीएम मोदी ने किया भारत-चीन के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी का आह्वान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत और चीन के बीच मजबूत एवं व्यापक साझेदारी पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि दोनों पड़ोसी के बीच सौहार्दपूर्ण भागीदारी एशिया के आर्थिक विकास और राजनीतिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।
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