पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में गोलीबारी की तीन अगल-अलग घटनाओं में अल्पसंख्यक शिया मुसलमान समुदाय के तीन सदस्यों सहित चार लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए है।
राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता एल देवेंद्रो सिंह (49 किलो) दोहा अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंच गए जबकि छह अन्य ने सेमीफाइनल में जगह बना ली।
क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराची में शिया इस्माइली समुदाय को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि दुख की इस घड़ी में भारत पाकिस्तान की जनता के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।
जातिगत उत्पीडऩ और भेदभाव के खिलाफ मुखर होता दलित डायस्पोरा इससे चिंतित।भारतीय डायस्पोरा का यह दलित स्वर या दलित डायस्पोरा दुनिया के तमाम बड़े देशों में धीरे-धीरे मजबूत होता दिख रहा है। गैर दलित डायस्पोरा ने तो बड़ी तादाद में (सबने नहीं) अपनी राजनीति स्पष्ट कर दी है, अपना झुकाव स्पष्ट कर दिया है, दलित डायस्पोरा अभी उसके साथ खड़ा नहीं दिख रहा। भारत की नई सरकार से उसे भी अपेक्षाएं हैं। वह भी बेहतर सुविधाओं और व्यापार की संभावनाओं के प्रति आशावान है लेकिन जाति तथा जातिगत उत्पीडऩ के सवाल पर फिलहाल कोई समझौता करता नहीं दिखता।