यमन की राजधानी अदन में एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र पर आत्मघाती हमले में 60 लोगों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है।
पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकी हमले पर भारत ने अमेरिका को नए सबूत दिए हैं। जिसके आधार पर भारत पाकिस्तान से जवाब मांगेगा। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों द्वारा छोड़े गए कुछ साइबर निशानों का पता लगाने के लिए अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई समेत कुछ एजेंसियों की मदद मांगी गई थी।
काबुल स्थित अमेरिकन यूनीवर्सिटी ऑफ अफगानिस्तान पर घंटों चले आतंकी हमले में कम से कम 13 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि यह हमला आज तड़के खत्म हुआ।
गाजियाबाद में अज्ञात हमलावरों ने भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया के काफिलेे पर हमला किया। हमलावरों ने एके-47 से करीब लैस थे और उन्होंने तेवतिया के काफिले पर अंधाधुंध करीब 50 राउंड फायरिंग की। हमले में तेवतिया के साथ उनके 6 रक्षक भी घायल हो गए।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने शनिवार को असम के कोकराझार पहुंच कर उस स्थान की गहन जांच की जहां शुक्रवार को आतंकवादी हमला हुआ था। जांच एजेंसी ने घटनास्थल पर प्रत्यक्षदर्शियों से भी बातचीत की।
अमेरिकी वायुसेना के रेड फ्लैग एक्सरसाइज में पाकिस्तान, सऊदी अरब और इजराइली विमान साथ- साथ उड़ेंगे। इस महीने के आखिर में नेवादा रेगिस्तान में यह युद्धाभ्यास होने जा रहा है। रेड फ्लैग को अमेरिकी सेना का हवा से हवा में मार करने का महत्वपूर्ण अभ्यास कार्यक्रम माना जाता है। यह पहली बार है कि इसमें दो मुस्लिम देश अमेरिका के साथ हिस्सा ले रहे हैं।
असम में बोडोलैंड के केंद्र कोकराझार में शुक्रवार को आतंकवादी हमले में 14 लोगों की मौत हो गई। काले कपड़ेे पहने हमलावरों ने बाजार में जमकर फायरिंग और गोलाबारी की। हमले में 20 लोग घायल हुए हैं। हादसे में मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह बुधवार शाम को पाकिस्तान पहुंचेे। इस्लामाबाद एयरपोर्ट से वो सीधे आंतरिक मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आमीर एहमद से मिलने गए।पाकिस्तान में हाफिज सईद की धमकी के बाद राजनाथ की सुरक्षा में 200 कमांडो तैनात किए गए हैं।
पेरिस में अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ बैठक के बाद फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि इस्राइल के साथ शांति वार्ता की कोई भी शुरआत एक निश्चित समय सीमा के साथ और अंतरराष्ट्रीय देखरेख के अंतर्गत होनी चाहिए।