भूकंप से तबाह हुए नेपाल में शवों को मलबे से निकालना बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। कई देशों से भेजी जा रही मदद के बावजूद दूरदराज के इलाकों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। इस बीच, सड़ती लाशों की वजह से बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो गया है।
स्वास्थ्य और शिक्षा की स्थिति में बदलाव आने पर समाज में बदलाव आना तय माना जाता है। इस पैमाने पर देखें तो भारत की स्थिति पिछली कुछ वर्षों में जस की तस बनी हुई है। मानव विकास सूचकांक के अनुसार भारत की रैंकिंग दुनिया में 135 है