Advertisement

Search Result : "Justice RM Lodha Committee"

बीसीसीआई के मीडिया मैनेजर ने इस्तीफा दिया

बीसीसीआई के मीडिया मैनेजर ने इस्तीफा दिया

भारतीय क्रिकेट टीम के मीडिया मैनेजर निशांत अरोड़ा ने बीसीसीआई के दिल्ली कार्यालय को बंद करने के प्रशासकों की समिति (सीओए) के फैसले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
मनमोहन ने उर्जित पटेल को खिंचाई से बचाया

मनमोहन ने उर्जित पटेल को खिंचाई से बचाया

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी के मुद्दे पर आज संसदीय समिति के समक्ष पेशी के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हस्तक्षेप के चलते संभावित खिंचाई से बच गए। यह जानकरी समिति के सूत्रों ने दी।
नोटबंदी रिजर्व बैंक का जवाब सही नहीं हुआ तो पीएम को बुला सकती है समिति

नोटबंदी रिजर्व बैंक का जवाब सही नहीं हुआ तो पीएम को बुला सकती है समिति

संसद की लोक लेखा समिति :पीएसी: नोटबंदी के मुद्दे पर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल का जवाब संतोषजनक नहीं रहने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अपने समक्ष बुला सकती है। समिति ने वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के गवर्नर को नोटबंदी को लेकर विस्तृत प्रश्नावली भेजी है। पीएसी ने नोटबंदी को लेकर 20 जनवरी को बैठक बुलाई है। इस बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल, वित्त सचिव अशोक लवासा और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को उपस्थित होंगे।
पीएसी ने आरबीआई गवर्नर सेे पूछा, क्यों न मुकदमा चलाकर आपको हटा दिया जाए?

पीएसी ने आरबीआई गवर्नर सेे पूछा, क्यों न मुकदमा चलाकर आपको हटा दिया जाए?

लोक लेखा समिति (पीएसी) ने आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल से पूछा है कि शक्तियों का गलत उपयोग करने के लिए क्यों न आप पर मुकदमा चलाया जाए और आपको पद से हटा दिया जाए। नोटबंदी पर जवाब देने के लिए 20 जनवरी को आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल समेत अन्‍य अफसरों को तलब किया गया है। समिति ने पटेल को 10 सवालों की एक प्रश्नावली भेजी थी।
लोढा समिति की सिफारिशों को 21 संघों ने स्वीकार किया

लोढा समिति की सिफारिशों को 21 संघों ने स्वीकार किया

उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 21 राज्य इकाइयों ने पहले ही लोढा समिति को पुष्टि कर दी है कि वे सभी सुधारवादी कदमों को लागू करेंगे लेकिन इस बीच पूर्व अध्यक्षों एन श्रीनिवासन और अनुराग ठाकुर ने बेंगलुरू में अनौपचारिक बैठक में हाथ मिलाए।
कार्यवाही की पक्षपातपूर्ण रिकॉर्डिंग बहुत बड़ा अन्याय है: उच्च न्यायालय

कार्यवाही की पक्षपातपूर्ण रिकॉर्डिंग बहुत बड़ा अन्याय है: उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालती कार्यवाही की रिकॉर्डिंग ईमानदारी और निष्पक्षता से नहीं करने वाला न्यायाधीश वादियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय करता है। न्यायालय ने यह टिप्पणी भ्रष्टाचार के एक मामले को एक निचली अदालत से दूसरी में स्थानांतरित करते हुए यह टिप्पणी की।
खोड़ा और परांजपे को छोड़ना पड़ेगा राष्ट्रीय चयनकर्ता पद

खोड़ा और परांजपे को छोड़ना पड़ेगा राष्ट्रीय चयनकर्ता पद

उच्चतम न्यायालय के लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के आदेश के बाद राष्ट्रीय चयन पैनल में चयनकर्ताओं की संख्या कम होना तय है और ऐसे में गगन खोड़ा और जतिन परांजपे को अपने पद छोड़ने होंगे क्योंकि वे तय शर्तों को पूरा नहीं करते।
जस्टिस ठाकुर ने हाई कोर्ट के जजों के तबादलों पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

जस्टिस ठाकुर ने हाई कोर्ट के जजों के तबादलों पर मोदी सरकार से मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार काे केन्द्र सरकार से सवाल किया कि कोलेजियम की सिफारिशों के बावजूद वह उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों का तबादला क्यों नहीं कर रही है। न्यायालय ने लंबित तबादलों के बारे में विस्तार से दो सप्ताह के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी केन्द्र को दिया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर सन्देह

पूर्व मुख्यमंत्राी जयललिता की मृत्यु की परिस्थितियों पर सन्देह व्यक्त करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने संकेत दिया है कि वह शव को समाधि से निकालने का आदेश दे सकते हैं। उन्होंने उस याचिका की सुनवाई के दौरान यह संकेत दिया जिसमें इस मामले की जांच किसी जांच आयोग या तथ्य अन्वेषण समिति से करवाने का अनुरोध किया गया है। दो सदस्यीय अवकाश पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथन ने कहा कि जनता को पता होना चाहिए कि क्या हुआ।
सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement