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मुझे अगवा किया गया थाः हार्दिक पटेल

मुझे अगवा किया गया थाः हार्दिक पटेल

पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल कल पुलिस को चकमा देकर निकल भागने के बाद आज गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के धरांगधारा कस्बे से गुजरने वाले राजमार्ग पर रहस्यमय परिस्थितियों में सामने आ गए और दावा किया कि उन्हें अगवा कर लिया गया था।
हार्दिक फैक्टरः पूरे गुजरात में मोबाइल इंटरनेट पर रोक

हार्दिक फैक्टरः पूरे गुजरात में मोबाइल इंटरनेट पर रोक

पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक पटेल को हिरासत में लिए जाने के बाद गुजरात सरकार ने कानून व्यवस्था से निबटने और किसी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए समूचे गुजरात में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर आज रोक लगा दी।
गुजरात में सामान्य होते हालात, सभी जगह से कर्फ्यू हटा

गुजरात में सामान्य होते हालात, सभी जगह से कर्फ्यू हटा

गुजरात में पटेल समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन के इस हफ्ते हिंसक रूप लेने के बाद अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और पिछले दो दिनों में हिंसा की कोई बड़ी घटना ना होने के बाद सभी प्रभावित हिस्सों से आज कर्फ्यू हटा लिया गया।
बिहार विधानसभा चुनाव  में हार्दिक का जिन्न

बिहार विधानसभा चुनाव में हार्दिक का जिन्न

गुजरात में पटेल समुदाय द्वारा आरक्षण की मांग को बिहार के मुख्य‍मंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्य‍मंत्री लालू यादव ने समर्थन किया है। गुजरात से निकला आरक्षण का यह जिन्न विधानसभा चुनाव में भी असर डालता दिख रहा है। क्यों‍कि आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय के युवा नेता हार्दिक पटेल ने बिहार में भी प्रचार करने की बात कही है। इसके बाद से बिहार की राजनीति करवट लेती दिख रही है।
आरक्षण देना है तो सबको दो, नहीं तो खत्म कर दोः हार्दिक

आरक्षण देना है तो सबको दो, नहीं तो खत्म कर दोः हार्दिक

वीरमगाम के मासूम से दिखने वाले 22 वर्षीय हार्दिक आरक्षण के मुद्दे पर एक ओर सरकार के निशाने पर हैं तो पिछले तीन दिनों से इन्होंने हिंदी में भाषण देकर सुर्खियां भी बटोरी हैं। अब आगे हार्दिक की क्या योजना है इस पर उन्होंने उषा चांदना से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के अंशः
सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची प्रेम कहानी मांझी की

सच्ची घटनाओं को परदे पर उतारना अपने आप में मुश्किल काम है। वास्तविक चरित्र के बारे में दर्शकों की जानकारी कुछ ज्यादा ही होती है और वे फिल्म देखते वक्त भूल जाते हैं कि घटनाओं को परदे पर उतारने के लिए नाटकीयता का सहारा लेना जरूरी होता है। मांझी- द माउंटेन मैन इसी का उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश में ‘मांझी’ का कर माफ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आम आदमी के चट्टानी इरादों को दर्शाती फिल्म मांझी - द माउंटेन मैन को राज्य में मनोरंजन कर से मुक्त करने का फैसला किया है।
मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

मुझ से पहले माउंटेन मैन दशरथ मांझी को मिले अवार्ड

साधरण कद-काठी, साधारण चेहरा-मोहरा। सांवली रंगत लेकिन जन्मजात सहज अभिनय करने की कुशलता। यह हैं, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे बुढाना में जन्में और पले-बढ़े नवाजुद्दीन सिद्दीकी। नवाजुद्दीन किसी बड़े फिल्मी परिवार से नहीं हैं, न ही उनका बॉलीवुड में कोई गॉडफादर रहा। अपने दम पर नाम और शोहरत कमाने वाले नवाजुद्दीन के लिए यह सब बहुत आसान नहीं था। मुजफ्फरनगर में रहते हुए जहां उनके पास मनोरंजन के लिए टीवी नहीं था, उन्होंने लोक कलाकारों के बीच तमाशा, रामलीला देखते हुए अपना बचपन बिताया। नवाजुद्दीन उन्हीं कलाकारों की तरह होना चाहते थे। वैसे ही बनना चाहते थे। पर कैसे यह उन्हें उस वक्त पता नहीं था। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार से स्नातक के बाद उन्होंने कई तरह की नौकरियां कीं। यहां तक की चौकीदार की भी। फिर भी अभिनय की भूख थी कि खत्म नहीं हुई थी। विपरीत परिस्थितियों ने उन्हें और मजबूत कर दिया। इसी बीच उन्हें राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बारे में पता चला और बस अभिनय के गुर सीखने वह यहां चले आए। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में रहते हुए उन्होंने कई नाटकों को करीब से जाना। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से कोर्स पूरा करने के बाद दिल्ली में ही उन्होंने कई नाटक किए और फिर वहीं चले आए, जो अभिनय की दुनिया में स्थापित होने के लिए मक्का है, मुंबई। एक लंबे संघर्ष के बाद खुरदुरे चेहरे वाला यह अभिनेता निर्माता-निर्देशक की पहली पसंद बनता जा रहा है। ब्लैक फ्राइडे, गैंग्स ऑफ वासेपुर, तलाश, बदलापुर, बजरंगी भाईजान के बाद अब सभी की निगाहें उनकी आने वाली फिल्म मांझी- द माउंटेनमैन पर टिकी हुई हैं।
खोदा पहाड़ निकली सफलता

खोदा पहाड़ निकली सफलता

बजरंगी भाईजान फिल्म में पाकिस्तानी पत्रकार चांद नवाब की भूमिका के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी स्टार हो गए हैं। एक लंबे संघर्ष के बाद फिल्म उद्योग ने उन्हें सितारा हैसियत दे ही दी। लंच बॉक्स, पान सिंह तोमर में उन्होंने दर्शकों को प्रभावित किया था। अब अगले महीने उनकी फिल्म मांझी-द माउंटेनमैन आने वाली है। केतन मेहता की इस फिल्म का सभी को बेसब्री से इंतजार है।
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