आमतौर पर जन आंदोलनों की तरफ ध्यान तभी जाता है जब कोई बड़ी हस्ती शामिल हो या कहीं हिंसा भड़क जाए। लेकिन पिछले दो हफ्ते से राजस्थान के शेखावाटी में फैला किसान आंदोलन न सिर्फ शांतिपूर्ण है बल्कि अपने मुद्दों और मकसद पर कायम भी है।
करीब एक घंटे चले पुलिस की कार्रवाई में पुलिस ने बल प्रयोग के साथ मेधा पाटकर और अन्य साथियो को उठाकर एंबुलेंस में सवार कर दिया। मेधा पाटकर को ले जाने के बाद अनशनकारी और नर्मदा बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने गिरफ्तारी दी।
स्वराज इंडिया का कहना है कि समय-समय पर डूबने की स्थिति से प्रभावित लोगों को विस्थापितों की सूची से बाहर करते हुए सरकार के आंकड़े बदलते गए। यदि उन आंकड़ों को भी देखें तो उसके अनुसार भी हजारों पात्र परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है।