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Search Result : "Language war"

बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह शहीद, पिता ने पाक से चाही जंग

बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह शहीद, पिता ने पाक से चाही जंग

जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन में हुई गोलीबारी में घायल बीएसएफ जवान गुरनाम सिंह शहीद हो गए है। उनकी शहादत पर गर्व करते हुए उनके पिता ने पाकिस्‍तान से जंग चाही है। उन्‍होंने केंद्र की मोदी सरकार से इसकी अपील की है।
युद्ध के कगार पर नहीं हैं भारत, पाकिस्तान : उमर अब्दुल्ला

युद्ध के कगार पर नहीं हैं भारत, पाकिस्तान : उमर अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का मानना है कि नियंत्रण रेखा पर तनाव बढ़ने के बावजूद भारत एवं पाकिस्तान युद्ध के कगार पर नहीं है और दोनों देश युद्ध की आशंका को लेकर उससे कहीं अधिक सावधान है, जितना कि कुछ समाचार चैनल उन्हें देखना चाहेंगे।
ब्रह्मपुत्र के जल बंटवारे पर भारत के साथ तंत्र स्थापित करना चाहता है चीन

ब्रह्मपुत्र के जल बंटवारे पर भारत के साथ तंत्र स्थापित करना चाहता है चीन

ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी को बाधित कर भारत और पाकिस्तान के बीच पानी की लड़ाई में चीन के शामिल होने की खबरों को चीन की आधिकारिक मीडिया ने आज खारिज कर दिया। चीन ने कहा कि जल बंटवारे के लिए नई दिल्ली और बांग्लादेश के साथ बीजिंग एक संयुक्त बहुपक्षीय सहयोग तंत्र के लिए तैयार है।
'हर बार हमने शुरू की जंग, भारत से कभी कोई खतरा नहीं'

'हर बार हमने शुरू की जंग, भारत से कभी कोई खतरा नहीं'

भारत-पाक के बीच तनाव के माहौल में इन दिनों पाकिस्तानी वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल असगर खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर हो रहा है। 2011 के एक इंटरव्यू में खान ने पाकिस्तान के डिफेंस प्रमुखों को भ्रष्ट बताते हुए कहा था कि पाकिस्तान की भारत नीति हमेशा से गलत रही है, जबकि पाक को भारत की ओर से कभी खतरा नहीं रहा है। असगर ने कहा था कि पाकिस्तानी हुकूमत और डिफेंस के लोग अपने फायदे के लिए भारत के खिलाफ युद्ध की भावनाएं भड़काते रहते हैं, जबकि असलियत में पाक को भारत से कभी कोई खतरा नहीं रहा।
पाक की साजिशों को 1961 में पहले ही भांप लिए थे दीनदयाल उपाध्‍याय

पाक की साजिशों को 1961 में पहले ही भांप लिए थे दीनदयाल उपाध्‍याय

भाजपा की विचारधारा पर अमिट छाप छोड़ने वाले अमर विचारक दीनदयाल उपाध्याय ने 1961 में ही पाकिस्तान की नीयत को भांप लिया था। उन्होंने उस समय कहा था कि अधिक जमीन और पानी की पाकिस्तान की मांगों को स्वीकार कर भारत रणनीतिक तौर पर युद्ध हार रहा है। इससे भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के सीमावर्ती इलाकों में ऐसे लोग नहीं होने चाहिए जिनकी 'ईमानदारी पर शक हो' और 'भारत की सीमा के कम से कम 15 मील के क्षेत्र में ऐसे लोग होने चाहिए जिन पर भरोसा किया जा सके।'
भाषा-तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की सफलता का उत्सव है फ्यूल कॉन्‍फ्रेंस

भाषा-तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की सफलता का उत्सव है फ्यूल कॉन्‍फ्रेंस

फ़्यूल ज़िल्ट कॉन्‍फ्रेंस 2016 को भाषा तकनीक पर सामुदायिक सहभागिता की बेमिसाल सफलता का उत्सव कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भाषाई कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों का यह सलाना उत्सव इस साल नई दिल्ली के द सूर्या होटल में बीते सप्ताहांत में आयोजित किया गया। दुनियाभर से करीब सौ से अधिक लोग इस कार्यक्रम में शरीक हुए।
चंडीगढ़ पहुंचीं 19 पाकिस्तानी लड़कियां बोलीं, सिर्फ मीडिया में है जंग का माहौल

चंडीगढ़ पहुंचीं 19 पाकिस्तानी लड़कियां बोलीं, सिर्फ मीडिया में है जंग का माहौल

उड़ी हमले की पृष्ठभूमि में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी देश की 19 लड़कियां मंगलवार की रात चंडीगढ़ पहुंचीं। इन लड़कियों का मानना है कि जंग का यह अफसाना सिर्फ हमारी सरकारों और मीडिया तक सीमित है जबकि सरहद के दोनों तरफ की आवाम को अमन चाहिए।
जंग के बगैर करें फौजी कार्रवाई

जंग के बगैर करें फौजी कार्रवाई

हम कितनी भी कोशिश कर लें- कूटनीतिक औजार कभी पाकिस्तान के साथ काम नहीं आते। अरसे से भारत का यही अनुभव रहा है। हमारे सामने हमेशा यही स्थिति बन जाती है कि बदनाम देश को हम और कितना बदनाम करें?
चीन ने कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लेने की पुष्टी से फिर किया इनकार

चीन ने कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लेने की पुष्टी से फिर किया इनकार

चीन ने एक बार फिर भारत-पाक के बीच जारी तनाव और कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देने से साफ इनकार किया है। चीन ने युद्ध की स्थिति और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ उसके खड़े होने से संबंधित पाकिस्तानी मीडिया की खबरों का आज खंडन किया।
हिन्दी आम आदमी की भाषा, उच्च शिक्षा में बढ़ावा दें: सुभाष चंद्रा

हिन्दी आम आदमी की भाषा, उच्च शिक्षा में बढ़ावा दें: सुभाष चंद्रा

राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा का कहना है कि कोई भी भाषा हिन्दी का स्थान नहीं ले सकती क्योंकि यह आम आदमी की भाषा है। ऐसे में हिन्दी को उच्च शिक्षा में शिक्षा का माध्यम (एमओआई) बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। चंद्रा ने यह बातें साहित्य अकादमी द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहीं।
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