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देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-वेस्‍ट पैदा होने का अनुमान

देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-वेस्‍ट पैदा होने का अनुमान

देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-कचरा पैदा होने का अनुमान है। अभी यह 18 लाख टन के स्तर पर है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। दुनिया में भारत पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है। एसोचैम-सीकाइनेटिक्स के अध्ययन में कहा गया है कि भारत का ई-कचरा सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
सदियों तक नुकसान पहुंचाएगा समुद्र में गया प्लास्टिक कचरा

सदियों तक नुकसान पहुंचाएगा समुद्र में गया प्लास्टिक कचरा

प्लास्टिक उपयोग और फेंकने में आसान होने के साथ-साथ आसपास आसानी से उपलब्ध होने के कारण हमारी रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। पर यही प्लास्टिक अनजाने में महासागरों और उसके असंख्य जीवों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है।
दक्षिण चीन सागर हमारा मगर हिंद महासागर तुम्हारा नहीं: चीन

दक्षिण चीन सागर हमारा मगर हिंद महासागर तुम्हारा नहीं: चीन

दक्षिण चीन सागर पर अपने सभी़ पड़ोसियों, वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के दावों को खारिज करने, समुद्र के इस हिस्से को अपनी मिल्कियत बताने और इन देशों को यहां से दूर रहने की चेतावनी जारी करने वाले चीन ने कहा है कि हिंद महासागर भारत का आंगन नहीं है। इसे भारत का बैकयार्ड समझने की धारणा परेशानी का सबब बन सकती है।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
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