सरकार ने आज कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने के प्रावधान वाले मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को संसद के आगामी बजट सत्र में पेश करने के पूरे प्रयास किये जायेंगे।
केंद्र की मोदी सरकार के लिए 2017 का साल करो या मरो का होगा। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार कैसे 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए नोटबंदी से हुए संभावित 2.20 लाख करोड़ रुपये के लाभ का इस्तेमाल करती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि सरकार ने बजट तय समय से पहले पेश करने का निर्णय किया है। हालांकि, वह इस बात को लेकर गंभीर है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच में बजट पेश नहीं किया जाए। अगले साल की शुरूआत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।
उपनिवेशवादी शासन के खिलाफ महात्मा गांधी के सत्याग्रह का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत के लिए सत्याग्रह आंदोलन चलाने की वकालत की और कहा कि केवल बजटीय आवंटन कर देने भर से स्वच्छ भारत को हासिल नहीं किया जा सकता है।
कैबिनेट ने आम बजट में रेल बजट को मिलाने की मंजूरी दे दी है। इस तरह 92 साल से पेश हो रहा रेल बजट अब अलग से पेश नहीं किया जाएगा। रेल संबंधी वित्तीय योजनाएं और खर्चे आदि संबंधी मामले आम बजट से 1924 में अलग कर दिए गए थे। कैबिनेट की बैठक में आम बजट को पेश करने की तारीख में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। बजट किस तारीख को पेश होगा, इसका फैसला विचार-विमर्श के बाद होगा।
अगले साल से केंद्रीय बजट पेश करने की नई परंपरा शुरू करने की तैयारी कर रही सरकार ने संकेत दिए हैं कि इस बार संसद का शीत सत्र तय समय से पहले बुलाया जा सकता है। सरकार नवंबर महीने की शुरूआत में ही शीत सत्र बुलाने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनाव की गहमागहमी को देखते हुए भी इस सत्र की काफी सियासी अहमियत है।
केंद्र सरकार ने पहले ही कहा था कि वह आम बजट अब कुछ हफ्ते पहले पेश करना चाहती है। सरकार की इस मंशा पर अब आम सहमति भी बन गई है। लिहाजा अब अगले वित्त वर्ष (2017-18) का आम बजट एक फरवरी, 2017 को पेश होगा। बजट की तैयारियां भी जो पहले दिसंबर में शुरु होती थी अब वह नवंबर माह के शुरुआत में ही शुरु हो जाएंगी। इस बारे में जल्द ही कैबिनेट से भी मंजूरी ली जाएगी। सरकार का मानना है कि लगभग 4 हफ्ते पहले बजट पेश करने से इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए केंद्र व राज्यों के पास ज्यादा समय होगा।