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ममता ने किया आगाह, भाजपा की बांटने वाली राजनीति में नहीं फंसे अल्‍पसंख्‍यक

ममता ने किया आगाह, भाजपा की बांटने वाली राजनीति में नहीं फंसे अल्‍पसंख्‍यक

विभाजनकारी राजनीति करने को लेकर राजग नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साेमवार को अल्पसंख्यक समुदाय से इसके जाल में नहीं फंसने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत एक बड़े संयुक्त परिवार की तरह है जहां कई धर्मों के लोग दशकों से भाइयों के रूप में रहते आ रहे हैं।
जोगी बोले, ममता और नीतीश से मिल जाऊंगा पर कांग्रेस में नहीं जाऊंगा

जोगी बोले, ममता और नीतीश से मिल जाऊंगा पर कांग्रेस में नहीं जाऊंगा

कांग्रेस से अलग हुए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता अजीत जोगी ने अगले आम चुनावों से पहले तीसरा मोर्चा बनने पर ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के साथ इसमें खुद के शामिल होने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस में कभी वापस नहीं जाएंगे। रमन मुक्त छत्तीसगढ़ उनकी शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि नीतीश और ममता ने उन्हें फोन कर कांग्रेस छोड़कर नयी पार्टी बनाने के फैसले पर बधाई दी।
बंगाल के बिजली नियामक आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति पर भी गरमा सकती है राजनीति

बंगाल के बिजली नियामक आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति पर भी गरमा सकती है राजनीति

आरएनसेन की इस पद पर हुई नियुक्ति में नियमों की अनदेखी और बिजली चार्ज में गड़बड़ी बन सकता है ममता के लिए सिरदर्द
भाजपा में शामिल हुए नेताजी के पड़पोते चंद्र कुमार बोस

भाजपा में शामिल हुए नेताजी के पड़पोते चंद्र कुमार बोस

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पड़पोते चंद्र कुमार बोस आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में वह भाजपा में शामिल हुए।
रवीन्द्र कालिया की कहानी - काला रजिस्टर

रवीन्द्र कालिया की कहानी - काला रजिस्टर

रवीन्द्र का की ख्याति एक उपन्यासकार, कहानीकार के अलावा बहुत अच्छे चुस्त संपादक के रूप में थी। उन्होंने एक पूरी साहित्य जगत में एक पूरी पीढ़ी खड़ी की। भारतीय ज्ञापनीठ की पत्रिका नया ज्ञानोदय के अलावा वह भारतीय भाषा परिषद की पत्रिका वागर्थ के भी संपादक रहे। 11 नवंबर 1939 को जालंधर में जन्में रवीन्द्र कालिया ने धर्मयुग से अपनी पारी शुरू की थी। उनकी कई कहानियां चर्चित हैं। नौ साल छोटी बीवी, खोटे सिक्के, त्रास ऐसी कहानियां हैं जो पाठकों के दिलो-दिमाग पर हमेशा छाई रहेंगी। पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद इस यशस्वी संपादक ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
रवीन्द्र कालिया का निधन

रवीन्द्र कालिया का निधन

हिंदी साहित्य में अपना अलग मुकाम बनाने वाले साहित्यकार-संपादक रवीन्द्र कालिया का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया।
मुंबई ने ठुकराया, दिल्ली ने गले लगाया

मुंबई ने ठुकराया, दिल्ली ने गले लगाया

दिल्ली एक बार फिर दिल वालों की साबित हो गई है। मुंबई में शिवसेना के विरोध के बाद पाकिस्तान के गजल गायक का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में दिल्ली में अपना कार्यक्रम पेश करने का अनुरोध किया है। अली ने उनकी दावत कबूल कर ली है।