देश के सेवा क्षेत्र में मार्च में लगातार दूसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई। अर्थव्यवस्था में गतिविधियां बढ़ने और नये आर्डर मिलने के साथ साथ मुद्रास्फीति दबाव कम रहने से यह वृद्धि दर्ज की गई। एक मासिक सर्वेक्षण में यह परिणाम जारी किया गया है। इससे पहले पीएमआई के विनिर्माण क्षेत्र के सूचकांक में भी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई।
भारत के राजनीतिक भविष्य का एजेंडा कॉरपोरेट घराने तय कर रहे हैं। इस कारण प्रबंधन कंपनियों या यूं कहें कि कई प्रबंधन गुरुओं की पौ-बारह हो गई है और राजनीतिक दल उनके सामने नतमस्तक दिख रहे हैं।