सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को बैकवर्ड क्लास कमिशन को रेफर कर दिया है, जो मराठाओं को आरक्षण देने के आधार और संभावनाओं का अध्ययन करेगा।
महाराष्ट्र के मंत्री राजकुमार बडोले की टिप्पणी के बाद शिवेसना ने भाजपा पर करारा हमला किया है। शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों पर मोटी रकम खर्च नहीं की जाती है। बडोले ने कहा था कि राज्य में आरक्षण पर निकाले जा रहे मराठा मार्च धन बल की वजह से कामयाब हो रहेे हैंं।
सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
मराठा पृष्ठभूमि गौरवशाली रही है। मराठा राजा-महाराजाओं का सत्ताकाल, स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का बड़ा श्रेय मराठा समुदाय को मिलता है। मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नागपुर जैसे क्षेत्रों में उद्योग-व्यापार, शिक्षा, पर्यटन, सहकारी समितियों की संस्था एं, कृषि, विज्ञान इत्यादि में नए रिकॉर्ड बने हैं। फिर भी पिछले दिनों राजनीतिक इरादों से मराठा आरक्षण देने की मांग को लेकर हजारों लोगों का प्रदर्शन हुआ है।
महाराष्ट्र में मराठा समाज के लोगों द्वारा राज्य भर में निकाले जा रहे मौन जुलूस को लेकर राकांपा प्रमुख शरद पवार पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने मगंलवार को उनसे पूछा कि जब उनकी पार्टी राज्य और केंद्र में सत्ता में थी तो उसने समाज की मांगों को पूरा करने के लिए क्यों कुछ नहीं किया।
भाजपा गुजरात में अभी पटेल आंदोलन से राहत भी नहीं ले पाई है कि उसे अब महाराष्ट्र में सबसे पावरफुल मराठा समुदाय के आंदोलन का सामना करना पड़ रहा है। सूबे के अहमदनगर जिले के कोपर्डी गांव में एक नाबालिग की गैंगरेप कर उसकी निर्मम हत्या के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने मंगलवार को कहा कि राज्य के साथ ही केंद्र की सेवाओं में समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर वे संसद का अगला सत्र शुरू होने पर अपना आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
कावेरी नदी से जल छोड़ने को लेकर विवाद के बीच बेंगलुरू समेत कर्नाटक के कुछ हिस्सों में हिंसा की छिट-पुट घटनाएं बढ़ गई हैं। वहीं पड़ोसी राज्य तमिलनाडु और पुडुचेरी के विभिन्न हिस्सों में कुछ तमिल संगठनों ने कर्नाटक के खिलाफ प्रदर्शन किए और उसके कुछ वाणिज्यिक एवं सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।
गुजरात में पटेल आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले हार्दिक पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि राज्य में हुए 2002 के दंगों के विभिन्न मामलों में दोषी ठहराए गए पटेल समुदाय के युवाओं को रिहा किया जाए। पटेल ने अपने पत्र में कहा है, सभी जानते हैं कि मोदी 2002 दंगे का लाभ उठाकर पहले मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने हैं।
पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के दो पूर्व सहयोगियों ने दावा किया है कि पटेल ने एक नेता के रूप में उभरने के लिए आरक्षण आंदोलन का इस्तेमाल किया। पूर्व सहयोगियों ने आरोप लगाया कि आंदोलन शुरू होने के एक साल के भीतर ही हार्दिक करोड़पति बन गया।