चीन में चीनी नव वर्ष रूस्टर का स्वागत करने के लिए औपचारिक तौर पर एक हफ्ते की छुट्टी हो गयी है। लोग नव वर्ष को अपने परिवार के साथ मनाने के लिए अपने मूल स्थान जा रहे हैं।
विमुद्रीकरण के बाद ओडिशा में धान फसल की कटाई के साथ ही पुराने दिनों की श्रम अदलाबदली की परंपरा बदलिया भी फिर से शुरू हो गयी है। बदलिया एक-दूसरे के खेतों में मजदूरी के बदले मजदूरी करने की परंपरा है, जिससे ओडिशा के तटीय जिलों के कुछ हिस्सों में सुधार के संकेत दिखने लगे हैं।
ओडिशा से लगती सीमा के पास मुठभेड़ में 23 माओवादियों के मारेे जाने की खबर है। आंध्र प्रदेश की पुलिस के विशेष दल 'ग्रेहाउंड' और ओडिशा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई सेे हुई मुठभेड़ में नक्सली मारे गए। मुठभेड़ ओडिशा के मलकानगिरि ज़िले में स्थित कियासिर बेगानगी के जंगलों में हुई।
ओडि़शा की राजधानी भुवनेश्वर के सम अस्पताल में आग लगने से कम से कम 22 मरीजों की मौत हो गई जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह राज्य में किसी अस्पताल में हुई भयावह घटनाओं में से एक है। पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति शोक जताया है।
पिछले दिनों उड़ीसा के एक सरकारी अस्पताल से वाहन नहीं मिलने पर पत्नी के शव को कंधे पर 12 किलोमीटर तक ढोने वाले दाना मांझी का वीडियो वायरल होने के बाद अब उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक बेटे का अपने पिता के शव को ठेले पर लादकर ले जाते हुए वीडियो वायरल हुआ है।
ओडिशा में एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से बीवी के शव को 12 किलोमीटर तक ढोने वाले दाना मांझी नौ लाख का चेक लेने ओडिशा से दिल्ली विमान से आए। उन्हें बहरीन दूतावास ने बुलाकर अपने शेख की तरफ से भिजवाया हुआ 8.87 लाख का चेक दिया।
ओडिशा में मृत पत्नी को कंधे पर ढो कर चर्चा में आए दाना मांझी को बहरीन के पीएम प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने आर्थिक मदद दी है। अंग्रेजी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने मांझी के बारे में पढ़ा, जो अस्पताल में पत्नी को मौत हो जाने के बाद एंबुलेंस ना मिलने पर शव को कंधे पर रखकर 12 किमी तक ले गया।’
ओडि़शा के बालेश्वर जिले में एक वृद्ध महिला के शव के साथ अमर्यादित व्यवहार कर अपने कर्तव्य का उचित निर्वहन नहीं करने के मामले में राजकीय रेल पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया गया।
एंबूलेंस नहीं देने के बाद ओडिशा के कालाहांडी में पत्नी की लाश को 10 किलोमीटर तक कंधे पर ढोने के मामले पर अभी भी बहस जारी है, इसी बीच इसी तरह का एक और प्रकरण सामने अाया है। राज्य के बालासोर में अस्पताल से एंबुलेंस नहीं मिलने के बाद महिला के मृत शरीर की हड्डियां तोड़ उसकी गठरी बनाकर बांस के डंडे और मजदूरों के जरिये उसे ढोकर स्टेशन तक पहुंचाया गया।
भुवनेश्वर के पिछड़े जिले कालाहांडी में एक आदिवासी व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा। उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं मिली। व्यक्ति के साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी।