इस बार दर्शकों के सामने दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आई हैं। दोनों चर्चित और बड़ी फिल्में हैं। लेकिन यदि दर्शकों जो भी फिल्म देख लें या तो वे कुएं में गिरेंगे या खाई में। अजय देवगन और करण जौहर दोनों ही ने अपनी कमजोर निर्देशकीय पारी खेली है।
अभिनेता अजय देवगन का कहना है कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो फिल्म उद्योग एकजुट है लेकिन जब बीच में राजनीति घुस जाती है तो बॉलीवुड पूरी तरह भयभीत और कमजोर हो जाता है।
लेग स्पिनर अमित मिश्रा भारत की सीमित ओवर की टीम में भले ही नियमित नहीं हों लेकिन वह रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की अनुपस्थिति में न्यूजीलैंड के खिलाफ चल रही मौजूदा एक दिवसीय श्रृंखला में सीनियर स्पिनर की भूमिका का लुत्फ उठा रहे हैं।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीशचंद्र मिश्र ने पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को ब्राह्मण विरोधी बताया। उन्होंने कहा इन दोनों ने गुजरात में ब्राह्मणों का कत्लेआम कराया है। भाजपा ने राम मंदिर के नाम पर काफी धन जुटाया है। जिसका वह आगामी चुनाव में भरपूर उपयोग करेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के नाम पर भगवान याद आते हैं। घाटमपुर पर सतीशचंद्र मिश्र ब्राम्हण भाईचारा एकता सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत को सहिष्णुता का विश्वविद्यालय बताते हुए शुक्रवार को कहा कि देश में धार्मिक उत्पीड़न की इजाजत कभी नहीं दी जाएगी। सिंह ने दिल्ली में इंडिया क्रिश्चियन काउंसिल द्वारा आयोजित एक बैठक में कहा, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए सहिष्णुता आवश्यक है। भारत में सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्ण तरीके से रहते हैं और भेदभाव के बगैर अपने धार्मिक नियमों का पालन करते हैं। यही कारण है कि भारत सहिष्णुता का विश्वविद्यालय है।
राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद प्रणब मुखर्जी का नया आशियाना दिवंगत पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा को आवंटित बंगला हो सकता है। शहरी विकास मंत्रालय ने उस बंगले में रह रहे संगमा के बेटे और लोकसभा सासंद कॉनराड से उसे छोड़ने का अनुरोध किया है। राष्ट्रपति मुखर्जी का कार्यकाल अगले साल जुलाई में समाप्त हो रहा है।
रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में हुई पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में आज नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बहुप्रतीक्षित कटौती कर दी गई। नवगठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के तहत हुई इस पहली समीक्षा में समिति के सभी छह सदस्य दरों में कटौती के पक्ष में रहे। इस कटौती के बाद आरबीआई की रेपो दर 6.25 प्रतिशत रह गयी है जो पिछले छह साल का इसका न्यूनतम स्तर है।