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नोटबंदी : मुद्रा के अवैध विनिमय में बैंक कैशियर से लेकर मैनेजर तक शामिल

नोटबंदी : मुद्रा के अवैध विनिमय में बैंक कैशियर से लेकर मैनेजर तक शामिल

पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद से देश भर में करोड़ों लोग भले ही अब भी अपने कुछ हजार रुपये निकालने के लिए बैंकों के आगे घंटों इंतजार कर रहे हों, लेकिन कुछ लोगों को अपने करोड़ों रुपए को एक्सचेंज करने में कुछ मिनट भी नहीं लग रहे।
पतंजलि में खरीददारी डिजिटल पेमेंट के जरिए चाहते हैं बाबा रामदेव

पतंजलि में खरीददारी डिजिटल पेमेंट के जरिए चाहते हैं बाबा रामदेव

मोदी सरकार की कैशलेस इकॉनमी की पहल का बाबा रामदेव अब पूरी तरह साथ दे रहे हैं। वह पतंजलि स्टोर्स को डिजिटल पेमेंट के लिए तैयार करने में लगे हैं। इसके लिए नवंबर के दूसरे सप्ताह में उन्होंने पांच बैंकों से बातचीत की थी। उन्होंने बैंकों से पतंजलि के सभी स्टोर्स को लिंक करने के लिए कहा था ताकि ग्राहक के लिए कार्ड, वॉलिट और अन्य डिजिटल माध्यमों से पेमेंट करने की सुविधा शुरू हो सके।
पेटीएम के साथ 48 ग्राहकों ने की 6.15 लाख की धोखाधड़ी, सीबीआई में मामला दर्ज

पेटीएम के साथ 48 ग्राहकों ने की 6.15 लाख की धोखाधड़ी, सीबीआई में मामला दर्ज

इस समय नोटबंदी की हवा ने लोगों की जेब खाली कर रखी है और पीएम नरेंद्र मोदी डिजिटल पेमेंट को अपनाने पर जोर दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ देश की नबंर वन मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम ने अपने साथ धोखाधड़ी का दावा किया है। पेटीएम का दावा है कि 48 ग्राहकों ने उनके साथ धोखा किया है और उनके 6.15 लाख रुपये उड़ा लिए हैं। सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया है।
छूट के बाद भी महंगा है कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदना

छूट के बाद भी महंगा है कार्ड से पेट्रोल-डीजल खरीदना

कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह उपभोक्ताओं को राहत देने के कई ऐलान किए थे। इन्हीं में से एक ऐलान था पेट्रोल डीजल की खरीद पर 0.75 फीसदी की छूट का। यह छूट बुधवार से लागू हो गई। जो भी उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट के जरिए पेट्रोल, डीजल खरीदेंगे उन्हें 0.75 फीसदी की छूट मिलेगी।
रिलायंस जियो की पहल: भारत में आया पोकेमोन गो

रिलायंस जियो की पहल: भारत में आया पोकेमोन गो

दुनिया भर के युवाओं में खलबली मचा देने वाला मोबाइल गेम पोकेमोन गो अब भारत में भी उपलब्ध है। मोबाइल कंपनी रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों के लिए इस चर्चित गेम को पेश किया है।
दिल्ली में गुजरात भवन कैंटीन नहीं है कैशलेस

दिल्ली में गुजरात भवन कैंटीन नहीं है कैशलेस

दीया तले अंधेरे की कहावत दिल्ली के गुजरात भवन में साकार हो रही है। देश भर को कैशलेस बनाने की मुहिम में जुटे नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि नकद की जगह कार्ड का इस्तेमाल हो, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित गुजरात भवन के कैंटीन में अभी तक यह व्यवस्था नहीं हो पाई है।
कैशलेस सोसायटी : 2014 के बाद अब तक 250 दिन देेश इंटरनेट से वंचित रहा

कैशलेस सोसायटी : 2014 के बाद अब तक 250 दिन देेश इंटरनेट से वंचित रहा

नोटबंदी का निर्णय लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी कैशलेस सिस्‍टम की जोरदार ढंग से वकालत कर रहे हैं। लेकिन इंटरनेट सेवा को बंद करने या बाधा पहुंचने से पीएम मोदी की यह सोच कारगर ढंग से सफल नहीं हाेे सकती। बिना इंटरनेट के आप कैशलेस सोसायटी की कल्‍पना तक नहीं कर सकते। 2014 के बाद देश के विभिन्‍न इलाकों में 250 दिन इंटरनेट सेवा बाधित रही। इस साल करीब 200 दिन मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी में परेशानी आई। पिछले साल करीब 30 दिन इंटरनेट सेवा ठप्‍प रही।
नोटबंदी से काले धन के स्रोतों पर नहीं पड़ेगा खास असर : एसोचैम

नोटबंदी से काले धन के स्रोतों पर नहीं पड़ेगा खास असर : एसोचैम

उद्योग मण्डल एसोचैम ने आज कहा कि केन्द्र सरकार के नोटबंदी के कदम से देश में काले धन के पैदा होने पर खास असर नहीं पड़ेगा और भारत जैसे बड़े मुल्क को कैशलेस सोसाइटी बनने में कम से कम पांच साल लगेंगे।
कैशलैस समाज के लिए महा वालेट बना रही महाराष्ट्र सरकार

कैशलैस समाज के लिए महा वालेट बना रही महाराष्ट्र सरकार

नोटबंदी के जनप्रभाव को कम करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार महा वॉलेट पर काम कर रही है ताकि नकदी रहित लेनदेन को प्रोत्साहन दिया जा सके। वित्त मंत्री सुधीर मुगंतीवार ने पीटीआई-भाषा से कहा, मैंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से कहा है कि वह इस संबंध में एक रपट (प्रस्ताव पर आधारित) बनाकर मुझे 15 दिन के भीतर सौंपे।
पीएम मोदी बताएं, कैशलेस लेन-देन गांवों में कैसे कराएंगे : अखिलेश

पीएम मोदी बताएं, कैशलेस लेन-देन गांवों में कैसे कराएंगे : अखिलेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैशलेस सोसाइटी की वकालत पर सवाल खड़े करते हुए रविवार को कहा कि गांवों में रहने वाली आधी से ज्यादा आबादी को लेन-देन के इन डिजिटल तरीकों के बारे में बताने के लिये केन्द्र सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है।
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